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निर्वाचन आयोग के कार्य संक्षेप में लिखिए।

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संविधान की धारा (अनु०) 324 में निर्वाचन आयोग के कार्यों को स्पष्टतः उल्लेख किया गया है। इस प्रकार निर्वाचन आयोग के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –

⦁    निर्वाचन की तिथि घोषित हो जाने के पश्चात् निर्वाचन-क्षेत्रों का सीमांकन करना।
⦁    मतदान हेतु सम्पूर्ण राष्ट्र के मतदाताओं की सूची तैयार करना।
⦁    राष्ट्र में विद्यमान विभिन्न राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना। राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय स्तर प्रदान करना भी निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है।
⦁    राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने हेतु चुनाव-चिह्न प्रदान करना। यदि चुनाव चिह्न से सम्बन्धित कोई विवाद है तो उसका समाधान करना। चुनाव चिह्न के आवंटन के अधिकार को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है।
⦁    राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सामान्य निर्वाचन, संसद, विधानमण्डलों के उप-चुनाव करना।
⦁    निर्वाचन आयोग निर्वाचन करवाने के लिए रिटर्निग अफसरों तथा सहायक रिटर्निंग अफसरों को नियुक्त करता है।
⦁    निर्वाचन आयोग राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल को किसी संसद सदस्य या राज्य विधानमण्डल के सदस्य की अयोग्यता के विषय में परामर्श देता है।
⦁    निर्वाचन आयोग संसद तथा राज्य विधानसभाओं के रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए उप-चुनाव करवाता है।
⦁    यदि कोई राजनीतिक दल अथवा उसके प्रत्याशी आयोग द्वारा निश्चित किए गए व्यवहार के आदर्श नियमों का पालन नहीं करते तो निर्वाचन आयोग उनकी मान्यता रद्द कर सकता है।
⦁    निर्वाचन आयोग समय-समय पर निर्वाचन में सुधार करने के सम्बन्ध में सुझाव देता है।
⦁    निर्वाचन में यदि किसी कारणवश अनियमितताएँ हो जाती हैं तो उनके विरुद्ध याचिकाओं को आमन्त्रित करना और उनकी सुनवाई के लिए न्यायाधिकारियों की नियुक्ति करना।
⦁    निर्वाचन में प्रत्याशियों द्वारा किए गए व्यय की जाँच करना।
⦁    लोकसभा तथा विधानसभा के निर्वाचनों में निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करना। पर्यवेक्षकों के प्रतिवेदन के आधार पर सम्पूर्ण निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन को रद्द कर देना अथवा उसके कुछ मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान का आदेश देना।
⦁    संविधान द्वारा आयोग को कुछ अर्द्ध-न्यायिक कार्य भी सौंपे गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 103 के अन्तर्गत राष्ट्रपति संसद के सदस्यों की अयोग्यताओं के सम्बन्ध में तथा 192 अनुच्छेद के अनुसार, राज्यपाल विधानमण्डल के सदस्यों के सम्बन्ध में आयोग से परामर्श कर सकते हैं।
⦁    आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता तैयार की जाती है।
⦁    राजनीतिक दलों को आकाशवाणी पर चुनाव प्रचार की सुविधाओं की व्यवस्था कराना।
⦁    मतदाताओं को राजनीतिक प्रशिक्षण देना।



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