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| 1. | न्याय पंचायत का संगठन किस प्रकार होता है ? इसके प्रमुख अधिकार क्या हैं ? | 
| Answer» प्रत्येक ग्राम सभा न्याय पंचायत के लिए पंचों का निर्वाचन करती है। इन निर्वाचित सदस्यों में से सरकारी अधिकारी शिक्षा, प्रतिष्ठा, अनुभव एवं योग्यता के आधार पर पंच मनोनीत करता है। प्रत्येक न्याय पंचायत में सदस्यों की संख्या इस प्रकार होती है कि वह पाँच से पूरी-पूरी विभक्त हो जाए। 1 से 6 गाँव सभाओं वाली न्याय पंचायत के पंचों की संख्या 15, 7 से 9 तक 20 तथा 9 से अधिक होने पर 25 होगी। प्रमुख अधिकार न्याय पंचायत को न्यायिक अधिकार प्राप्त हैं। न्याय पंचायत का अनादर करने वाले व्यक्ति को न्याय ५ पंचायत मानहानि का अपराधी बनाकर उस पर ₹ 5 जुर्माना कर सकती है। न्याय पंचायत के निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती। चोरी, अश्लीलता, गाली-गलौज, स्त्री की लज्जा, अपहरण आदि के मुकदमो की सुनवाई न्याय पंचायत करती है। इन मुकदमों में वकीलों को पेश होने का प्रावधान नहीं रखा गया है। किसी मुकदमे में अन्याय होने पर न्याय पंचायत के दीवानी के मुकदमे की निगरानी मुंसिफ के यहाँ तथा माल के मुकदमे की निगरानी हाकिम परगना के यहाँ हो सकती है। राज्य सरकार न्याय पंचायतों के कार्यों पर नियन्त्रण रखती है, जिससे निर्णयों में कोई पक्षपात न हो सके तथा न्याय पंचायतें सही रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। | |