1.

पढ़ना-लिखना सब अकारथ गया। वृद्ध मुंशी जी द्वारा यह बात एक विशिष्ट संदर्भ में कही गई थी। अपने निजी अनुभवों के आधार पर बताइए- (क) जब आपको पढ़ना-लिखना व्यर्थ लगा हो। (ख) जब आपको पढ़ना-लिखना सार्थक लगा हो। (ग) 'पढ़ना-लिखना' को किस अर्थ में प्रयुक्त किया गया होगा । साक्षरता अथवा शिक्षा? (क्या आप इन दोनों को समान मानते हैं?)

Answer»

(क) जब मैंने देखा कि पढे-लिखे लोग गंदगी फैला रहे हैं तो मुझे उनका पढना लिखना व्यर्थ लगा।

(ख) जब हम पढे लिखे लोगों को उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य की योजना बनाते देखते हैं तो हमें उनका पढना लिखना सार्थक लगता है।

(ग) 'पढना-लिखना' को शिक्षा के अर्थ मे प्रयुक्त किया गया है। नहीं, इनमें अंतर है। यदि पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त व्यक्ति समाज के लिए अहितकारी है तो उनका पढना लिखना व्यर्थ है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions