InterviewSolution
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फ्लोरिन केवल एक सह-संयोजकता प्रदर्शित करता है , जबकि दूसरे हैलोजन एक से साथ तक सह-संयोजकता प्रदर्शित करते है । |
| Answer» फ्लोरिन में केवल एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होता है तथा इसके बाह्म कोश में कोई रिक्त d -उपकोश नहीं होता है अतः फ्लोरिन केवल एक सह -संयोजकता प्रदर्शित करता है जबकि शेष हैलोजनों में रिक्त d -उपकोश होता है , जिससे p -उपकोश के इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर d -उपकोश में जाकर अयुग्मित हो जाते है और एक से साथ तक की सह-संयोजकता प्रदर्शित करते है । | |