InterviewSolution
| 1. |
प्राचीनकालीन भारतीय शिक्षा के स्वरूप का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» प्राचीनकाल में शिक्षा का तात्पर्य उस अन्तज्यति एवं शक्ति से लगाया जा जाता था, जिसके द्वारा मानव का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक तथा आध्यात्मिक विकास हो सके। इस काल में न केवल शिक्षा, ‘अपितु जीवन का प्रत्येक क्षेत्र; जैसे–राजनीतिक, सामाजिक तथा अर्थव्यवस्था आदि धर्म से प्रभावित था, इसलिए प्राचीन भारतीय शिक्षा भी धार्मिक भावना से ओत-प्रोत थी। प्राचीन भारतीय शिक्षा के स्वरूप को स्पष्ट करने वाले मुख्य बिन्दु निम्नलिखित हैं ⦁ प्राचीन काल में शिक्षा धर्मप्रधान थी, इसलिए शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक था। |
|