InterviewSolution
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प्राचीनकालीन शिक्षण विधि का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» प्राचीन काल में शिक्षा मुख्यत: मौखिक थी। शब्दों के शुद्ध उच्चारण पर विशेष बल दिया। जाता था। अशुद्ध उच्चारुण अहितकर तथा विनाशकारी समझा जाता था। ज्ञान को कण्ठस्थ करना विद्यार्थी की एक विशेषता थी। गुरुं वेद-मन्त्रों का उच्चारण करते थे और शिष्य उनको सुनकर याद कर लेते थे। सम्भवत: इसीलिए श्रुति और स्मृति के नाम से ज्ञान की शाखाओं को सम्बोधित किया जाता था। मन्त्रों को कण्ठस्थ करना, मनन करना तथा अर्थ समझना ही शिक्षण-प्रणाली थी। शिक्षण कार्य की समाप्ति के बाद छात्र गुरु के चरणों को स्पर्श करके विदा लेते थे। |
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