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Answer» परिचारिका के रोगी के प्रति मुख्य रूप से निम्नलिखित कर्तव्य होते हैं। - परिचारिका का कर्तव्य है कि वह रोगी को हर प्रकार से आराम पहुँचाए।
- परिचारिका का कर्तव्य है कि वह रोगी के शरीर की स्वच्छता एवं अनिवार्य प्रसाधन को ध्यान रखे। रोगी के बालों में कंघा करके उसे साफ-सुथरे वस्त्र पहनाने का कार्य भी परिचारिका द्वारा ही किया जाता है।
- परिचारिका को रोगी के भोजन की भी व्यवस्था करनी होती है; अतः रोगी के भोजन को पकाना भी उसे आना चाहिए।
- रोगी यदि स्वयं मल-मूत्र का त्याग न कर सकता हो, तो बिस्तर पर ही मल-त्याग कराने की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य भी परिचारिका द्वारा ही किया जाता है।
- रोगी के कमरे एवं आवश्यक सामान को साफ एवं सही ढंग से रखना भी परिचारिका का ही कार्य है।
- परिचारिका का कार्य है कि वह अपने व्यवहार से रोगी को मानसिक रूप से प्रसन्न रखे।
- परिचारिका को रोगी के प्रति मित्रता का व्यवहार करना चाहिए।
- यदि रोगी के लिए आराम आवश्यक हो, तो परिचारिका का कर्तव्य है कि वह रोगी से मिलने वाले व्यक्तियों को रोके तथा रोगी को हर प्रकार से आराम पहुँचाए।
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