InterviewSolution
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‘पूर्ण स्पर्धावाले बाजार में माँग रेखा संपूर्ण मूल्य सापेक्ष बनती है ।’ विधान समझाइए । |
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Answer» पूर्ण स्पर्धावाले बाजार में उत्पादक या व्यापारी किस कीमत पर विक्रय करता है, प्रतिस्थापन या पूरक वस्तु किस गुणवत्ता पर बेचता है आदि बातों से परिचित होते हैं । इसलिए ऐसी समानगुणी वस्तुएँ रखनेवाले बाजार में कोई एक उत्पादक या व्यापारी वस्तु की अलग-अलग कीमत लेकर कीमत भेदभाव सर्जित करने में असमर्थ होता है । इसलिए बाजार में कीमत एकसमान होती है साथ क्रेता भी कीमत और गुणवत्ता में संपूर्ण परिचित होते हैं । जिसके कारण कोई एक उत्पादक का व्यापारी क्रेता (ग्राहक) से अधिक कीमत नहीं ले सकता है । इस प्रकार क्रेता, विक्रेता और उत्पादक सभी पक्षों को बाजार का संपूर्ण ज्ञान होने से बाजार में एकसमान कीमत प्रवर्तित होती हैं । जिसके कारण पूर्ण स्पर्धावाले बाजार की माँग रेखा संपूर्ण मूल्य सापेक्ष होती है । |
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