InterviewSolution
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राज्य आपदा अधिकारी के कर्तव्य एवं अधिकारों का वर्णन कीजिए। |
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Answer» राज्य आपदा अधिकारी-कर्त्तव्य एवं अधिकार राज्य आपदा अधिकारी के कर्त्तव्य एवं अधिकार निम्नलिखित प्रकार हैं। 1. राज्य स्तर – राज्य स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने की व्यवस्था को उत्तर:दायित्व मुख्यतः राज्य सरकारों का होता है। केन्द्रीय सरकार का कार्य राज्य सरकारों को अपेक्षित मानवीय तथा आर्थिक सहायता प्रदान करना होता है। राज्य सरकार स्तर पर राज्य का तत्कालीन मुख्यमन्त्री अथवा मुख्य सचिव मुख्य आपदा प्राधिकारी होता है, जो राज्य स्तर की आपदा प्रबन्धन कमेटी का अध्यक्ष होता है। यह अध्यक्ष ही राज्य के अन्तर्गत होने वाले समस्त राहत कार्यों का संचालन तथा प्रबन्धन का सारा उत्तर:दायित्व सँभालता है। राज्य में राहत कमिश्नर (Relief Commissioner) समस्त बचाव, राहत तथा पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों का प्रभारी (Incharge) होता है, जो आपदाओं के दौरान राज्य स्तर की आपदा-प्रबन्धन कमेटी के आदेशों व निर्देशों के अधीन ही समस्त कार्य करता है। कुछ राज्यों में राजस्व विभाग (Revenue Department) का राजस्व सचिव (Revenue Secretary) बचाव, राहत तथा पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों की देख-रेख करता है। प्रत्येक राज्य की अपनी निजी राहत पुस्तिका (Revenue Manual) होती है जिसे राज्य राहत कोड (State Relief Code) के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त राज्य पृथक् रूप से अपनी राज्य आपातकालीन योजना (State Contingency Plan) को तैयार करता है तथा इस योजना के अन्तर्गत ही आपदाओं का प्रबन्धन किया जाता है। 2. जिला स्तर – जिला स्तर पर समस्त सरकारी आदेशों व निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करने को उत्तर:दायित्व जिला प्रशासन का होता है। जिला स्तर पर प्रतिदिन के बचाव, राहत तथा पुनर्वास कार्यों के क्रियान्वयन का पूर्ण उत्तर:दायित्व जिला मजिस्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर या डिप्टी कमिश्नर पर होता है। यह अधिकारी अन्य विभागों के क्रिया-कलापों पर निगरानी रखता है और यही व्यक्ति राहत कार्यों को समन्वयन करता है। 73वें और 74वें संविधान संशोधन विधेयक में पंचायतों को स्वशासी संस्थाओं का दर्जा प्रदान किया गया है जिसके आधार पर ये संस्थाएँ आपदाओं के दौरान द्रुत चेतावनी पद्धतियों, राहत सामग्री के आवंटन, आपदाग्रसित व्यक्तियों को आश्रय तथा उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जिला स्तर पर जिला आपदा-प्रबन्धन समिति का गठन किया जाता है। यह समिति जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बनाई जाती है। इस समिति में सदस्य के रूप में स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, सिंचाई विभाग, जल तथा सफाई विभाग, पुलिस, अग्निशमन विभाग, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की गैर-सरकारी संस्थाओं के अधिकारी होते हैं। उपर्युक्त जिला आपदा-प्रबन्धन समिति आपदा प्रबन्धन टीमों की आवश्यकतानुसार सहायता लेती है; क्योंकि ये टीमें राहत के विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षण प्राप्त किये होती हैं; जैसे—अग्निशमन, पुलिस तथा स्वास्थ्य सेवी संस्थाएँ इत्यादि। जिला स्तर पर आपदा-प्रबन्धन समिति के कार्य मुख्यत: जिला स्तर पर आपदा-प्रबन्धन योजना तैयार करना, आपदा-प्रबन्धन टीमों के प्रशिक्षण का आयोजन करना तथा मॉक ड्रिल कराना इत्यादि हैं। 3. ब्लॉक स्तर – ब्लॉक स्तर पर आपदा-प्रबन्धन समिति का नोडल ऑफिसर (Nodal Officer), ब्लॉक विकास अधिकारी (Block Development Officer) या तालुका विकास अधिकारी (Taluka Development Officer) होता है। ब्लॉक स्तर पर गठित की गई आपदा-प्रबन्धन समिति का अध्यक्ष नोडल अधिकारी होता है। इस कमेटी के अन्य सदस्य समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण जल योजना एवं सफाई विभाग, पुलिस, अग्निशमन तथा अन्य युवा संगठनों के अधिकारीगणों के प्रतिनिधि होते हैं तथा इसके अतिरिक्त समुदाय आधारित संगठन गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि प्रमुख वरिष्ठ नागरिक एवं चुने गए प्रतिनिधि भी इस कमेटी के सदस्य चुने जा सकते हैं। ब्लॉक स्तर पर गठित आपदा प्रबन्धन समिति के कार्य मुख्यत: ब्लॉक स्तर की आपातकालीन योजनाओं का निर्माण करना, ब्लॉक प्रशासन की आपदा-प्रबन्धन में आवश्यक सहायता करना, आपदा-प्रबन्धन दलों (Teams) के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना व उनकी क्रियाओं के बीच उचित समन्वय करना तथा मॉक ड्रिल कराना इत्यादि हैं। (iv) ग्राम स्तर – ग्राम स्तर पर आपदा-प्रबन्धन समिति का अध्यक्ष गाँव-प्रधान अथवा सरपंच |
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