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रजनी का चरित्र-चित्रण कीजिए।

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रजनी इस पटकथा की नायिका है । ईमानदार निडर संघर्षवान है। एक सामाजिक दायित्व को निभाने के लिए तत्पर आधुनिक समय की मोडर्न महिला है। प्रस्तुत पाठ में रजनी ने स्कूलों में कैसे ट्यूशन के दूषण को दूर करने के लिए स्वयं प्रयास किया और उसे जनआंदोलन बना दिया तथा और उसके लिए स्कूल से लेकर शिक्षा निदेशक तक पहुँची और परिणाम को साकार किया।

रजनी को पता चला कि अमित के नंबर गणित में इसलिए कम आये हैं कि मैथ्स टीचर मिस्टर पाठक के कहने से भी ट्यूशन नहीं लगाया। पेपर पूरा सही-सही सवाल करने पर भी शिक्षक ने ट्यूशन न करने से जानबूझकर नंबर नहीं दिये। रजनी ने प्रिंसीपल से जाकर शिकायत की तो प्रिंसीपल के यह, करने पर कि फाइनल एक्जाम की कॉपी नहीं दिखाते हैं। और कुछ नहीं कर सकते।

शिक्षा निदेशक ने भी यह कहा कि अकेली आप आयी हैं। अभी तक हमारे पास ऐसी शिकायत नहीं आयी। रजनी ने निश्चित किया कि मैं शिकायत का ढेर लगा दूँगी। इसलिए पेरेन्ट्सों की मुलाकात की। अखबार के संपादक से मुलाकात करके सहयोग करने का आग्रह किया। साथ पेरेन्ट्स की मीटींग की सूचना की खबर छापने के लिए कहा।

सभी अभिभावकों को संबोदन में कहा कि कोई भी स्कूल शिक्षक अपने छात्रों को ट्यूशन नहीं पढ़ाएगा । यदि पढ़ाए तो उसे कठोर सजा होनी चाहिए । इसे अखबार ने अच्छी कवरेज दी। सरकार प्रभावित हुयी और यह प्रस्ताव जैसा का तैसा स्वीकार कर लिया। यह रजनी के संघर्ष का परिणाम है कि उसने ट्यूशन के शिक्षकों से विद्यार्थियों को मुक्त करवाया।



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