1.

‘रजनी’ पटकथा का सार अपने शब्दों में लिखिए।

Answer»

रजनी धारावाहिक की पटकथा लेखिका मन्नू भंडारी हैं। उन्होंने रजनी के माध्यम से एक ऐसी आधुनिक नारी का चित्रण जुबसूरती से किया है, जो नारी अपने परंपरागत गुणों के विपरीत संघर्षशील है, जो अन्याय का डटकर मुकाबला करती है और उसे दूर करती है। पटकथा की शुरुआत रजनी अमित के घर पर है वहाँ से होती है।

वहाँ रजनी को पता चलता है कि अमित के मैथ्स में नंबर इसलिए कम आएँ कि उसने ट्यूशन नहीं किया है। रजनी अमित और माता लीला को कॉपी देखने की बात करती है । वह तैयार नहीं होते हैं। रजनी दूसरे दृश्य में प्रिंसीपल से मिलकर अमित के अन्याय के लिए ट्यूशन की शिकायत करती है तथा कॉपी देखने की बात करती है। प्रिंसीपल यह कहकर मना कर देता है कि फाइनल एक्जाम की कॉपी नहीं दिखा सकते हैं।

ट्यूशन टीचर्स और स्टूडेन्ट्स का व्यक्तिगत मामला है । इसमें वह कुछ नहीं कर सकता है। तीसरे दृश्य में शिक्षा निदेशक से मिलती है। अमित की समस्या को बताती है। परंतु निदेशक भी मनाकर देता है। चौथे दृश्य में अखबार के संपादक के कमरे में है। संपादक रजनी का साथ देने के लिए तैयार हो जाता है। पाँचवे दृश्य में रजनी पेरेन्ट्स मीटींग को संबोधित करती है।

छठवें दृश्य में अखबार में छपी रिपोर्ट को रजनी का पति रजनी को बताता है। कि रजनी के प्रस्ताव को सरकार ने जैसे के तैसा स्वीकार कर लिया है। रजनी को अपने मुकाबले पर गौरय है तथा अपनी लड़ाई और संघर्ष पर संतोष है। उसका पति भी उस पर प्राउड अनुभव करता है । इसीके साथ रजनी पटकथा समाप्त हो जाती है।



Discussion

No Comment Found