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Answer» सामाजिक वानिकी का महत्त्व सामाजिक वानिकी का महत्त्व निम्नलिखित है ⦁ सामाजिक वानिकी द्वारा वनों का विकास एवं संरक्षण किया जाता है, जिससे सरकारी आय में वृद्धि होती है। ⦁ वन सम्पदा से कई वस्तुएँ; जैसे – बाँस, कागज, लुग्दी, गत्ता, लकड़ी, तारपीन, वार्निश व रंग, रबड़ के लिए गाढ़ा तरल पदार्थ, कत्था, चन्दन, केवड़ा आदि प्राप्त होती हैं। ⦁ सामाजिक वानिकी द्वारा वनों का विकास किया जाता है। इसे ‘पुनर्वनीकरण’ कहा जाता है।वनों से मूल्यवान लकड़ी प्राप्त होती है। ⦁ सामाजिक वानिकी प्रदूषण नियन्त्रण में सहायक है। इससे जलवायु सन्तुलन बना रहता है। वनों का विकास जलवायु पर अनुकूल प्रभाव डालता है। ⦁ वनों पर अनेक लघु उद्योग आधारित होते हैं; जैसे-शहद, रेशम, मोम, कत्था, बेंत इत्यादि इस तरह से सामाजिक वानिकी व्यावसायिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। ⦁ वनों में बहने वाले पानी को नियन्त्रित करने की अद्भुत क्षमता होती है। ⦁ सीमाओं पर वनों का विकास राष्ट्रीय सुरक्षा में सहायक होता है। ⦁ सामाजिक वानिकी का एक अन्य लाभ कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है। वृक्षों के वाष्पोत्सर्जन की क्रिया, बादल निर्माण एवं वर्षा कराने में सहायक है। ⦁ सामाजिक वानिकी वनों के विकास पर बल देती है, जिससे भूमि कटाव तथा भूस्खलनों पर नियन्त्रण होता है। ⦁ सामाजिक वानिकी मनोरंजन का भी प्रमुख साधन है। नगरीय क्षेत्रों में सामाजिक वानिकी के अन्तर्गत ऐसे मनोहारी पर्यटन स्थलों का विकास किया जाता है, जो अवकाश के समय नगरवासियों को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करते हैं। ⦁ सामाजिक वानिकी औद्योगिक विकास में भी सहायक है, क्योंकि अनेक उद्योगों के लिए कच्चा माल वनों से ही उपलब्ध होता है। ⦁ वनों पर आधारित उद्योग-धन्धों द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। ⦁ सामाजिक वानिकी द्वारा वन उत्पादों एवं कार्यों में रोजगार उत्पन्न होता है।
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