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सामाजिक विघटन के कारक के रूप में औद्योगीकरण की क्या भूमिका है ?याऔद्योगीकरण सामाजिक विघटन को कैसे बढ़ावा देता है? 

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उत्पादन के क्षेत्र में मशीनों के प्रयोग ने औद्योगीकरण को जन्म दिया और औद्योगीकरण ने पूँजीवाद, साम्राज्यवाद तथा उपनिवेशवाद को। औद्योगीकरण के कारण उत्पादन बड़ी-बड़ी मशीनों से होने लगता है, कुटीर उद्योग नष्ट हो जाते हैं, छोटे उत्पादक श्रमिक बन जाते हैं, औद्योगिक केन्द्रों में हजारों की संख्या में मजदूर रहने लगते हैं, जिससे गन्दी बस्तियों का निर्माण होता है। मजदूर अपनी मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल, तोड़फोड़ व घेराव करते हैं। पूँजीपति मजदूरों का शोषण करते हैं, इससे गरीबी बढ़ती है। मशीनों की सहायता से बड़ी मात्रा में तीव्र गति से उत्पादन होने से बाजारों में माल भर जाता है। गरीबी के कारण उसे खरीदने वाले ग्राहक नहीं मिलते; अतः पूँजीपतियों को कारखानों को बन्द कर देना पड़ता है। इससे आर्थिक संकट और तनाव बढ़ता है। इस प्रकार की स्थिति समाज में विघटन उत्पन्न करती है।



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