1.

सांद्र `H_(2)SO_(4)` के साथ गर्म करके ऐल्कोहॉल के एल्कीन में निर्जलीकरण के दौरान निहित प्राम्भिक पद है-A. ऐल्कोहॉल के अणु का प्रोटॉनीकरणB. कार्बोकैटायन का निर्माणC. जल का विलोपनD. एक ऐस्टर का निर्माण

Answer» Correct Answer - A
ऐल्कॉहॉल्स के निर्जलीकरण की क्रियाविधि निम्न प्रकार है-
(i) सल्फ्यूरिक अम्ल ऐल्कोहॉल के OH समूह का प्रोटॉनिकरण करके प्रोटॉनीकृत ऐल्कोहॉल बनाता है। (प्रारंभिक पद)-
`{:(CH_(3)-CH_(2)-underset(..)overset(..)(O)-H+ H^(+) rarr CH_(3)-CH_(2)-overset(..)(O^(+))-H),(" प्रोटॉन |"),(" ऐल्कोहॉल " (H_(2)SO_(4)" से")" H"),(" प्रोटॉनीकृत ऐल्कोहॉल"):}`
(ii) प्रोटॉनीकृत ऐल्कोहॉल जल के एक अनु के विलीपन द्वारा स्थायी कार्बोकैटायन बनाता है।
`{:(CH_(3)-CH_(2)-overset(..)(O^(+))-H rarr CH_(3)overset(+)(C)H_(2)+H_(2)O),(" | कार्बोकैटायन"),(" H"):}`
(iii) कार्बोकैटायन एक प्रोटॉन का ह्रास करके अधिक स्थायी एल्कीन अनु बनाता है।
`CH_(3)-overset(+)(C)H_(2) rarr underset("ऐल्कीन")(CH_(2) =CH_(2))+H^(+)`
ऐल्कीन के निर्माण की सुलभता अर्थात ऐल्कॉहॉल्स के निर्जलीकरण की सुलभता पद (ii) में निर्मित कार्बोकैटायन के स्थायित्व पर निर्भर करती है। चूँकि कार्बोकैटायनस के स्थायित्व का क्रम `3^(@) gt 2^(@) gt 1^(@)` होता है अतः ऐल्कॉहॉल्स के निर्जलीकरण की सुलभता का क्रम भी समान अर्थात तृतीयक `(3^(@))` ऐल्कोहॉल `gt` द्वितीयक `(2^(@))` ऐल्कोहॉल `gt` प्राथमिक `(1^(@))` ऐल्कोहॉल होगा।


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