InterviewSolution
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सन्धिविच्छेदं पूरयत-(सन्धि विच्छेद पूरा कीजिए)(क) विनयोपेता = विनय + उपेता(ख) कुसुमादपि = …………………. + ………………(ग) चिनोम्युभयम् = .चिनोमि + …………………(घ) नृत्यैर्मुग्धम् = ……………………… + मुग्ध म्।(ङ) प्रकृतिरस्ति = प्रकृतिः + ……………..(च) लोकक्रीडासक्ता = लोकक्रीडा + ………………… |
Answer» सन्धिविच्छेदं :(क) विनयोपेता = विनय + उपेता (ख) कुसुमादपि = कुसुमाद् + अपि (ग) चिनोम्युभयम् = चिनोमि +उभयम् (घ) नृत्यैर्मुग्धम् = नृत्यैः + मुग्ध म्। (ङ) प्रकृतिरस्ति = प्रकृतिः + अस्ति (च) लोकक्रीडासक्ता = लोकक्रीडा + आसक्ता कुछ अतिरिक्त जानकारी :यह प्रश्न पाठ भारतजनताऽहम् - मैं भारतीय जनता हूं से लिया गया है। भारतजनताऽहम् काव्य डाॅ रमाकांत शुक्ला द्वारा रचित है। इस पाठ में कुल 7 पद्य हैं जिनमें कवि ने स्वयं को भारतीय जनता के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा है कि भारतीय जनता स्वाभिमानी, विनम्र, शालीन , वज्र से भी कठोर और फूल से भी अधिक कोमल है। भारत के लोग समस्त संसार में रहते हैं तथा सारी पृथ्वी को ही अपना परिवार मानते हैं। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-(प्रश्नों का उत्तर एक पद में लिखिए-) (क) अहं वसुंधराम् किम् मन्ये? (ख) मम सहजा प्रकृति का अस्ति? (ग) अहं कस्मात् कठिना भारतजनताऽस्मि? (घ) अहं मित्रस्य चक्षुषा किं पश्यन्ती भारतजनताऽस्मि? प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन लिखत-(प्रश्नों का उत्तर पूर्ण वाक्य में लिखिए-) (क) भारतजनताऽहम् कैः परिपूता अस्ति? (ख) समं जगत् कथं मुग्धमस्ति? (ग) अहं किं किं चिनोमि? (घ) अहं कुत्र सदा दृश्ये (ङ) समं जगत् कैः कै: मुग्धम् अस्ति? |
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