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सूचना संचार के अवरोध समझाइये ।

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सूचना संचार के अवरोधक परिबल (Barriers to Communication) : माहिती संचार की कार्यक्षमता का आधार कार्य करनेवाले कर्मचारी पर है । माहिती संचार यह मानवीय प्रवृत्ति है । मानवीय मर्यादाओं के कारण भी माहिती संचार अवरोध रुप बनता है ।

(1) संदेश में कमी एवं अस्पष्टता : माहिती संचार का आकर्षण संदेश की स्पष्टता पर आधारित है । यदि संदेश में कमी, अस्पष्टता, उलझनपूर्ण, आलसमय, द्विअर्थों एवं मुख्य हेतु के आधार बिना गलत शब्दों का उपयोग तथा समझने योग्य न हो तब माहिती संचार की प्रक्रिया अवरोधक बनती है ।

(2) स्पष्ट आयोजन का अभाव : आयोजन के बिना माहिती संचार कार्यक्षम नहीं बन सकता । कई बार कर्मचारियों के द्वारा आयोजन
के बिना, बिना विचारे, अयोग्य समय, अपूर्ण एवं अस्पष्ट सूचना भेजते हैं । जिसके कारण वाद-विवाद की सम्भावना रहती है ।

(3) अनुवाद की भूल : अधिकारियों के द्वारा दी जानेवाली सूचनाएँ या आदेश किसी मध्यस्थी द्वारा भेजी जाती हो तब भेजी जाने वाली सूचना में अनुवाद की भूल होने पर अधिकारी जिम्मेदार होता है और माहिती संचार कम आकर्षण बनती है ।

(4) अविश्वास और भय : जिस व्यवस्थातंत्र में कर्मचारी व्यवस्था के बीच अविश्वास एवं भय की भावना हो तब भेजे जानेवाले सभी संदेशो में शंका की भावना बनी रहती है । जैसे सही जानकारी अधिकारी को दी तो दंड होगा, इससे जानकारी में परिवर्तन किया जाता है । अत: माहिती संचार से अव्यवस्था बनी रहती है ।

(5) परिवर्तनों के परिपालन को समझने में समय का अभाव : इकाई को व्यवस्था में कोई संदेश परिवर्तन की सचना देते हैं । इन परिवर्तनो के परिपालन में एवं समझने में समय का अभाव होता है । जिससे इन परिवर्तनों का परिपालन सम्भव नही बनता जैसे कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की एका-एक सूचना देना, कर्मचारियों की पाली पद्धति में एका-एक परिवर्तन होने से अव्यवस्था रहती है ।

(6) माहिती संचार की अतिव्यस्तता : बड़ी इकाईयों में माहितीयों या सूचनाओं का आदान-प्रदान निरन्तर एवं विशाल प्रमाण में होता है । अतः एक कर्मचारी द्वारा सूचनों को सुनना उसका परिपालन करना हो तब माहिती संचार के परिपालन में आलस देखने को मिलता है ।

(7) अस्पष्ट अनुमान : कई बार भेजी जानेवाली सूचना में स्पष्टता का अभाव हो तब सूचना देनेवाला पक्ष एवं सूचना प्राप्त करनेवाला
पक्ष अमुक अनुमान लगाकर माहिती संचार का उपयोग करते हैं । जिससे इसका प्रभाव कम होता है ।

(8) अयोग्य माध्यम की पसंदगी : माहिती संचार के लिए योग्य माध्यम की पसंदगी न हो तब माहिती संचार का प्रभाव कम होता है । दोषयुक्त माध्यम की पसंदगी माहिती संचार को अवरोध पहुँचाती है । जैसे लिखित के बदले मौखिक सूचना दी जाए तब कठिनाई का सामना करना पड़ता है ।

(9) कर्मचारी संबंध : माहिती संचार का प्रभाव मजदूर वर्ग एवं मालिक वर्ग के बीच के संबंध पर आधारित होता है । यदि मजदुर एवं मालिक के बीच संबंध में परोपकार, मैत्रीभाव, आपसी सहकार की भावना हो तो माहिती संचार प्रभावपूर्ण बनता है । यदि संबंध खराब हो तो माहिती संचार अवरोधरुप बनता है ।

(10) क्षतियुक्त व्यवस्थातंत्र : क्षतियुक्त व्यवस्थातंत्र माहिती संचार को प्रभावपूर्ण बनाने में अवरोधक बनती है । यदि क्षतियुक्त व्यवस्थातंत्र हो तब सूचना अमुक कक्षा तक पहुँचने के बाद रूक जाती है । उसका आगे प्रसारण नहीं होता जिससे माहितीसंचार प्रभावपूर्ण नहीं बनता।



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