1.

सूफी धर्म के प्रमुख सिद्धांतो की विवेचना कीजिए

Answer»

सूफियों ने स्वतंत्र विचारों एवं उदार सोच पर बल दिया। वे धर्म में औपचारिक पूजन, कठोरता एवं कटरता के विरुद्ध थे। सूफियों ने धर्मिक संतुष्टि के लिए ध्यान पर जोर दिया। भक्ति संतों की तरह, सूफी भी धर्म को 'ईश्वर के प्रेम' एवं मानवता की सेवा के रूप में परिभाषित करते थे।Explanation:इस्लामी रहस्यवाद को ही सूफी धर्म के नाम से जाना जाता है। सूफी धर्म इस्लामी रहस्यवाद का ही एक रूप है। 'सूफी' शब्द की उत्पत्ति के विषय में विद्वानों में बड़ा मतभेद है। कुछ विद्वान इसे ग्रीक शब्द 'सोफिया' (ज्ञान) का रूपान्तर मानते हैं।कुछ विद्वानों ने 'सफा' से सूफी की उत्पत्ति मानी है। इन विद्वानों का मानना है कि जो व्यक्ति पवित्र थे, वे 'सूफी' कहलाये।कुछ विद्वानों ने इसका उद्गम 'संफ' (पंक्ति) से माना है। उनके अनुसार वे लोग सूफी कहलाये जो निर्णय के दिन पवित्र एवं ईश्वरभक्त होने के कारण अन्य व्यक्तियों से पृथक् पंक्ति में खड़े किये जायेंगे।अयूनसर अल सिराज का कथन है कि, 'सूफी' शब्द अरबी भाषा के 'सूफ' शब्द से निकला है जिसका अर्थ है ऊन। मुहम्मद साहब के पश्चात् अरब देश में जो सन्त ऊनी कम्बल ओढ़कर घूमते थे तथा अपने मत का प्रचार करते थे, वे सूफी कहलाये। पाश्चात्य विद्वान् ब्राउन ने इस मत को स्वीकार करते हुए लिखा है कि ईरान में इन रहस्यवादी साधनों को ऊन पहनने वाला कहा जाता था। ईरान में ये सन्त ऊनी वस्त्र को जीवन की सादगी तथा विलासिता से दूर रहने का प्रतीक मानकर एकान्त जीवन व्यतीत करने पर बल देते थे।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions