InterviewSolution
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तपेदिक (Tuberculosis) नामक रोग के फैलने के कारणों, लक्षणों तथा उपचार के उपायों का वर्णन कीजिए।याक्षय रोग के सामान्य लक्षण एवं रोकथाम के उपाय लिखिए।याक्षय रोग के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय लिखिए। क्षय रोग के रोगी को क्या विशेष भोजन देना चाहिए?याकिसी एक संक्रामक रोग के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय लिखिए। |
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Answer» तपेदिक (क्षय रोग) यह अत्यन्त दुष्कर विश्वव्यापी संक्रामक रोग है जो आधुनिक वैज्ञानिक अनुसन्धानों के बावजूद भी नियन्त्रण में नहीं आ रहा है तथा उत्तरोत्तर वृद्धि कर रहा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, तपेदिक के विश्व के सम्पूर्ण रोगियों के एक-तिहाई भारत में हैं। इस रोग को ‘Captain of Death’ कहते हैं। इस रोग में मनुष्य के शरीर का शनैः-शनैः क्षय होता रहता है तथा इसमें घुल-घुलकर मनुष्य अन्ततोगत्वा मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। इसी कारण से इसे क्षय रोग भी कहते हैं। वैसे अब यह रोग असाध्य नहीं रहा। इसका पूर्ण उपचार सम्भव है। नियमित रूप से निर्धारित अवधि तक उचित औषधियाँ लेने तथा आहार-विहार को नियमित करके रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। | इस रोग के कई रूप हैं: फेफड़ों की तपेदिक, आँतों की तपेदिक, अस्थियों की तपेदिक तथा ग्रन्थियों की तपेदिक। इनमें सर्वाधिक प्रचलित फेफड़ों की तपेदिक है, जिसे पल्मोनरी टी० बी० (Pulmonary TB.) भी कहते हैं। तंग स्थानों व बस्तियों में जहाँ प्रकाश की उचित मात्रा नहीं पहुँचती, रहने वाले नागरिक शीघ्रता से इस बीमारी के शिकार बन जाते हैं। इसके अतिरिक्त, निर्धनता, परदा-प्रथा, बाल-विवाह, अपौष्टिक भोजन और वंश-परम्परा भी इस रोग को फैलाने में सहायक होते हैं। सड़कों पर पत्थर तोड़ने वाले मजदूरों, चमड़े तथा टिन का कार्य करने वाले श्रमिकों तथा भरपेट भोजन न प्राप्त कर सकने वाले व्यक्तियों को भी यह रोग शीघ्रता से ग्रस्त कर लेता है। बहुत अधिक मानसिक क्लेशों के व्याप्त रहने तथा मादक द्रव्यों का अत्यधिक सेवन करने से भी यह रोग जन्म लेता है। गायों को यह रोग शीघ्रता से लता है तथा इस रोग से ग्रस्त गायों का दूध पीने से भी यह रोग हो सकता है। उदभवन-काल: इस रोग के जीवाणु शरीर में पहुँचकर धीरे-धीरे बढ़ते तथा अपना प्रभाव जमाते हैं। रोग के काफी बढ़ जाने पर ही इसका पता लगता है। रूप और लक्षण: उपचार तथा बचाव |
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