InterviewSolution
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तुलनात्मक वित्तीय पत्रकों का महत्त्व समझाइए । |
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Answer» सामान्य पक्षकारों द्वारा वित्तीय पत्रकों को समझने में सरलता रहे उसके लिये अलग अलग पद्धति से उनकी पुनः रचना करके प्रस्तुत किया जाता है । तुलनात्मक वित्तीय पत्रकों का महत्त्व निम्न है : (1) पेढ़ी की आंतरिक तुलना (Intra Firm Comparision) : धंधाकीय इकाई के द्वारा अपने पिछले वर्षों के हिसाबों के साथ – तुलना को आंतरिक तुलना कहते हैं । इस तुलना के आधार पर धंधे की कार्यक्षमता में कितनी वृद्धि हुई, लाभदायकता में कितनी वृद्धि हुई, समृद्धता बढ़ी या नहीं इन बातों का विश्लेषण किया जाता है । इसके अलावा एक ही धंधाकीय इकाई के विविध विभागों की वित्तीय कार्यवाही का भी मूल्यांकन किया जाता है । इन सभी का समावेश आंतरिक तुलना में किया जाता है । (2) अंतरापेढ़ी तुलना (Interfirm Comparision) : एक ही उद्योग में शामिल विविध धंधाकीय इकाइयों के आपसी वित्तीय पत्रकों की तुलना दूसरी धंधाकीय इकाइयों के साथ की जाये उसे अंतरापेढ़ी तुलना कहते हैं । इस तुलना के द्वारा कौन-सी धंधाकीय इकाई आर्थिक रूप से मजबूत और कौन-सी धंधाकीय इकाई आर्थिक रूप से कमजोर है यह जाना जा सकता है । दो पेढ़ी की वित्तीय स्थिति की तुलना करने के लिये वित्तीय पत्रकों का विश्लेषण उपयोगी है । (3) रूख की प्रस्तुती (Indicates Trend): धंधाकीय इकाईयों की आर्थिक स्थिति और लाभदायकता के रून संबंधी जानकारी वित्तीय पत्रकों की तुलना से प्राप्त होती है । इस रूख के आधार पर विविध पक्षकार अपने निर्णय के बारे में अनुमान करते है । वित्तीय पत्रकों का विश्लेषण अलग-अलग पहलुओं का रूख दशति है । (4) लेनदारों को उपयोगी (Useful to Creditors) : धंधाकीय इकाइयों के दीर्घकालीन और अल्पकालीन लेनदार इकाई की शाखपात्रता निश्चित करने के लिये वित्तीय हिसाबों के विविध पहलुओं की असरकारकता दर्शाते है । इस आधार पर लेनदार इकाई की शाखपात्रता का अनुमान करते है । (5) जानकारी की सरल और तुलनात्मक प्रस्तुती (Simple and Comparable Presentation of Information) : वित्तीय पत्रकों में दर्शायी गयी जानकारी हिसाबी पद्धति के आधार पर तैयार किये जाते है । वित्तीय पत्रकों की पुनः रचना के बाद जानकारी विश्लेषण करने के लिये और समझने के हेतु से अधिक सरल और उपयोगी बनती है । |
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