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उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

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उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों की विशेषताएँ

उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

⦁    उद्योगों की अवस्थिति के आधुनिक कारकों का अलग-अलग प्रभाव नहीं होता।
⦁    ये कारक उद्योगों की अवस्थिति को सामूहिक रूप से प्रभावित करते हैं।
⦁    इन कारकों का आपस में जटिल सम्बन्ध होता है।
⦁    इन कारकों का सापेक्षिक महत्त्व कभी स्थायी नहीं होता बल्कि वह समय, स्थान, उद्योगों के प्रकार व अर्थव्यवस्था के अनुसार बदलता रहता है।
⦁    किसी निश्चित समय पर उद्योगों की स्थापना के सभी कारक अनुकूल हों, आवश्यक नहीं।
⦁    हर जगह कुछ कारक अनुकूल होते हैं व कुछ प्रतिकूला उद्योगों के लिए अच्छे स्थान वे माने जाते हैं जहाँ अनुकूल कारक अधिक प्रभावशाली हों व प्रतिकूल कारक कम प्रभावशाली हो ।
⦁    उद्योगों की अनुकूलतम (Optimum) अवस्थिति वह होती है जहाँ सभी अनुकूल कारकों में सन्तुलन बैठ रहा हो। वैसे अनुकूलतम अवस्थिति एक सापेक्षिक (Relative) शब्द है।



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