 
                 
                InterviewSolution
| 1. | उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए। | 
| Answer» उद्योग हर जगह पर विकसित नहीं हो पाते। उनकी स्थापना ऐसे स्थानों पर की जाती है जहाँ उत्पाद के निर्माण और विक्रय पर लागत कम-से-कम आए और अधिक-से-अधिक लाभ हो। ऐसी अवस्थिति का चयन काफी सोच-विचार के उपरान्त किया जाता है। किसी भी उद्योग की अवस्थिति अनेक प्रकार के कारकों द्वारा नियन्त्रित होती है। उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं 1. बाजार – उद्योगों की स्थापना में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक उसके द्वारा उत्पादित माल के लिए उपलब्ध बाजार का होना है। बाजार से अभिप्राय उस क्षेत्र से होता है जहाँ तैयार माल की माँग हो और वहाँ के निवासियों में उन वस्तुओं को खरीदने की क्षमता भी हो। 2. कच्चे माल की प्राप्ति – उद्योग के लिए कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं आसानी से परिवहन योग्य होना चाहिए। कच्चे माल के स्रोत के समीप स्थित होने वाले उद्योग हैं ⦁    ह्रासमान भार वाले कच्चे माल का प्रयोग करने वाले उद्योग, जैसे-चीनी उद्योग। 3. शक्ति के साधन – वे उद्योग जिन्हें अधिक शक्ति की आवश्यकता है, शक्ति स्रोतों के समीप ही लगाए जाते हैं, जैसे-ऐलुमिनियम उद्योग। 4.श्रम आपूर्ति – कम्प्यूटरों के बढ़ते उपयोग, यन्त्रीकरण, स्वचालन एवं औद्योगिक प्रक्रिया के लचीलेपन के कारण उद्योगों की श्रमिकों पर निर्भरता थोड़ी कम हुई है। फिर भी औद्योगिक विकास के लिए उचित वेतन पर सही श्रमिकों का महत्त्व आज भी बना हुआ है। 5. परिवहन एवं संचार की सुविधा – कच्चे माल को कारखाने तक लाने के लिए और उत्पादित माल को खपत केन्द्रों तक पहुँचाने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन सुविधाएँ उद्योगों की अवस्थिति के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कारक हैं। उद्योगों के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं प्रबन्धन के लिए संचार की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है। 6. सरकारी नीति – सरकारी नीति में उद्योगों के अवस्थितिकरण को प्रभावित करने वाली महत्त्वपूर्ण कारक है। उपर्युक्त सभी कारक सम्मिलित रूप से किसी उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित व नियन्त्रित करते हैं। | |