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Answer» उत्तम नेता के तीन गुण होते है : - शारीरिक गुण
- बौद्धिक गुण
- मानसिक गुण ।
शारीरिक गुण : - स्वस्थ शरीर : नेता को सतत नेतृत्व करना होता है । विभिन्न समूहों से अलग-अलग परिस्थितियों में काम लेना होता है । अतः अस्वस्थ शरीर वाले व्यक्ति नेतृत्व पूर्ण नहीं कर सकते ।
- शारीरिक आकर्षण : नेता का शरीर योग्य व्यक्तित्व वाला होना चाहिए कारण कि नेता का अनुयायियों पर विशेष प्रभाव होता है । इसके लिये योग्य ऊँचाई, वजन, दृष्टि, तीव्रता, श्रवणशक्ति इत्यादि आवश्यक है ।
- सुन्दरता : शारीरिक अंगों की सुन्दरता रखनेवाला व्यक्ति आदर्श नेता एवं प्रभावपूर्ण होता है । सुन्दरता का आकर्षण अनुयायियों पर विशेष असर डालता है । अतः नेता के लिए शारीरिक सुन्दरता आवश्यक है ।
- शांत स्वभाव : नेता का स्वभाव क्रोधी एवं उग्र नहीं होना चाहिए । नेता शांत स्वभाव का होना चाहिए जिससे कि नेता द्वारा योग्य निर्णय लिए जा सकें ।
- खुसमय स्वभाव : खुसमय स्वभाव धारण करनेवाले व्यक्ति को अनुयायी नेता द्वारा अधिक पसंद करते है । अनुयायियों के द्वारा
अच्छा कार्य करने पर नेता को खुश होना चाहिए । नेता का खुशमय स्वभाव अनुयायियों को प्रोत्साहन प्रदान करता है ।
बौद्धिक गुण : - निर्णय शक्ति : नेता में परिस्थितियों के अनुरुप निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए । जिससे कि वह परिस्थितियों के अनुरुप नेतृत्व कर सके अत: निर्णय शक्ति का गुण होना चाहिए ।
- तर्कशक्ति : नेता के द्वारा अलग-अलग परिस्थितियों में निर्णय लेना होता है । अतः योग्य निर्णय ले सके इसलिए तर्कशक्ति आवश्यक है ।
- ग्रहण शक्ति : नेता के पास भूतकाल तथा वर्तमान घटनाओं की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए इसके लिए नेता के पास स्मरणशक्ति आवश्यक है ।
- दीर्घदृष्टि : नेता की विचार श्रेणी दीर्घदृष्टि युक्त होनी चाहिए भविष्य में इकाई के विकास सम्बन्धि नेतृत्व करने की क्षमता होनी चाहिए ।
- विभिन्न कौशल्य : नेता के पास गणनात्मक ज्ञान, बोलने की कला, मधुर शब्दों का संग्रह, आंतरिक संबंधी का ज्ञान इत्यादि कौशल्य आवश्यकता अनुसार होना चाहिए ।
मनोवैज्ञानिक गुण : - उत्साह : नेता उत्साही होना चाहिए नेता में नया कार्य, नई योजना, नवी विचारधारा तथा लोगों के प्रश्न सुनने तथा समझाने में उत्साह होना चाहिए ।
- प्रभावशाली व्यक्तित्व : नेता आंतरिक व्यक्तित्व वाला होना चाहिए । जिससे वह अपने अनुयायियों पर प्रभावपूर्ण व्यक्ति दर्शाता ।
- साहसी : नेता साहसी होना चाहिए परिस्थितियों के अनुरूप अतिशीघ्र निर्णय लेकर समूह में व्यक्तियों से कार्य करवाने का उत्साह होना चाहिए । जिससे अनुयायियों द्वारा नेता का अनुकरण अतिशीघ्र होता है ।
- सहकार की भावना : नेता के द्वारा व्यक्तियों के समूह से काम लेना होता है । अतः समूह के लोगो का सहकार प्राप्त करने
के लिए सहकार भी भावना होनी चाहिए । - सहानुभूति : नेता के द्वारा जीवित व्यक्तियों से काम करवाने वाला नेता होना चाहिए जैसे अनुयायियों की आर्थिक एवं सामाजिक समस्या इत्यादि के लिए सहानुभूति होनी चाहिए ।
- कार्य के प्रति लगाव : नेता को प्रत्येक कार्य के प्रति रुची होनी चाहिए यदि किसी कार्य के प्रति अरूचि हो तो अनुयायियों द्वारा कार्य में उत्साह नहीं होता जिससे कार्य निष्फल होता है ।
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