1.

. वास्तुशिल्प की नागर शैली के विषय में लिखिए।​

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वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक इसका चतुष्कोण होना है. नागर शैली की दो बड़ी विशेषताएं हैं इसकी विशिष्ट योजना और विमान. इसकी मुख्य भूमि आयताकार होती है जिसमें बीच के दोनों ओर क्रमिक विमान होते हैं जिनके चलते इसका पूर्ण आकार तिकोना हो जाता है.



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