InterviewSolution
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विभिन्न चालकों के बीच विद्युत धारा के वितरण को ज्ञात करते के लिए किरचॉफ के नियमों को लिखिय| |
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Answer» किरचॉफ के निम्न दो नियम है| (1) प्रथम नियम या धारा नियम- किसी विद्युत परिपथ में किसी संधि पर मिलने वाली सभी धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है, अर्थात ` sum I =0 ` संधि की और आने वाली धारा को धनात्मक तथा संधि दूर जाने वाली धारा को ऋणात्मक लिया जाता है| चित्र के अनुसार माना किसी संधि P पर विभिन्न शाखाओं में बहने वाली धाराएँ क्रमशः ` I_1,I_2,I_3,I_4,I_5` तथा ` I_6` है, अतः इस नियम से, ` I_1 + I_2+ I_3 - I_4 - I_ 5-I_ 6= 0` या ` I_ 1+I_ 2+ I_3 =I _4+ I_ 5+I_6" "....(1)` अर्थात संधि की और आने वाली धाराओं का योग संधि से दूर जाने वाली धाराओं के योग के बराबर होता है| (2 ) .द्वितीय नियम या लूप का नियम या विभव का नियम- इस नियम के अनुसार किसी बंध परिपथ (लूप) के विभिन्न प्रतिरोधों एवं उनमें बहने वाली संगत धाराओं के गुणनफलों का बीजगणितीय योगफल उस बंद परिपथ में उपस्थिति विद्युत वाहक बलों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है|अर्थात ` " "sum RI=sum E ` चित्र में दो बंद परिपथों ABCDA तथा CDEFC को प्रदर्शित किया गया है|बंद परिपथ ABCDA में किरचॉफ का द्वितीय नियम लगाने पर, ` (I_1+I_2) R_1 + (I_1+I_2) R_2 + I_1 ,R_3 =E_1 ` या ` I_1 (R_1+R_2+R_3)+ I_2 (R_1+R_2) =E_1 " "....(2) ` इसी प्रकार बंद परिपथ CDEFC में किरचॉफ का द्वितीय नियम लगाने पर, ` " " I_ 2 R _ 4- I_1 R_3 =E_ 2-E_1 " "...(3)` समीकरण (2 ) और (3 ) की सहायता से ` I_ 1` तथा ` I_ 2` का मान ज्ञात किया जा सकता है|यह नियम ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुकूल है तथा यह केवल बंद परिपथों के लिए सत्य है| |
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