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विकेंद्रीकरण के गुण दोष लिखिए​

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रीकरण से तात्पर्य सत्ता अथवा शक्ति के समान वितरण से होता है। इस व्यवस्था में सत्ता का वितरण केवल एक स्थान पर केन्द्रीयकृत न होकर अनेक स्थानीय स्तर पर विभाजित कर दिया जाता है, जिससे सत्ता में सबकी समान भागीदारी हो जाती हैै।विकेंद्रीकरण के गुण व दोष इस प्रकार हैं...विकेंद्रीकरण के गुण...विकेंद्रीकरण व्यवस्था में सत्ता अथवा संगठन के शीर्ष अधिकारी अथवा मुख्य कार्यालय पर कार्यभार का दबाव कम होता है और निचले स्तर के कर्मचारियों को प्रशासनिक कार्यों के संबंध में निर्णय लेने की स्वतंत्रता रहती है, इससे तुरंत निर्णय लेने में तत्परता दिखाई जाती है और कार्य में विलंब नहीं होता। जब विकेंद्रीकृत व्यवस्था कायम हो जाती है, तो शक्ति का वितरण ऊपर से नीचे समान स्तर पर हो जाता है, इससे कार्यों के संपादन में देरी नहीं होती और कोई भी कार्यवाही तुरंत स्थानीय स्तर पर की जाती है। विकेंद्रीकरण व्यवस्था में स्थानीय समस्याओं का समाधान तुरंत हो जाता है, क्योंकि उन्हें केंद्रीय या ऊपर से आदेश की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती और अपने संबंध में स्थानीय स्तर पर तुरंत निर्णय और लेकर कार्यवाही कर सकते हैं। विकेंद्रीकरण के दोष...विकेंद्रीकरण में केंद्रीय नियंत्रण के हाथ में शक्ति कम हो जाती है. जिससे स्थानीय कर्मचारियों में स्वेच्छाचारी प्रवृत्ति जन्म लेने लगती है और वह अपनी मर्जी भी चलाने लगते हैं। विकेंद्रीकरण होने से समन्वय आपसी समन्वय की समस्या उत्पन्न हो जाती है क्योंकि सबके अपने-अपने हित और मत प्रकट होने लगते हैं।विकेंद्रीकरण व्यवस्था में केंद्रीय और स्थानीय दोनों स्तर पर ढांचागत व्यवस्था करनी पड़ती है, इस कारण धन का व्यय अधिक होता है।विकेन्द्रीकरण व्यवस्था में मुख्य केन्द्र नीति का निर्धारण तो कर देता है, लेकिन स्थानीय शासन को उसमें परिवर्तन करने का अधिकार होने के कारण, स्थानीय शासन उसमें परिवर्तन कर देते हैं, जिससे नीतियों में एकरूपता नही रह पाती है।विकेन्द्रीकरण व्यवस्था में स्थानीय शासन को भी अधिकार मिलने के कारण अक्सर स्थानीय कर्मचारी केंद्रीय हितों की जगह अपने स्थानीय हितों को अधिक महत्व देने लगते हैं।☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼



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