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विशिष्ट आर्थिक विस्तार का महत्त्व संक्षिप्त में समझाइए ।

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भारत में विशिष्ट आर्थिक विस्तार का अमल 1 अप्रैल, 2000 से हुआ । जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशी पूँजीनिवेश को आकर्षित करना और अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धा के अनुसार नियंत्रण मुक्त निर्यात करने के लिए वातावरण सर्जित करना है । जिसमें निर्यात बढ़ाकर देश के उत्पादन क्षेत्रों को विश्व के समकक्ष बनाना हैं ।

विशिष्ट आर्थिक विस्तार (SEZ) का महत्त्व निम्नानुसार हैं :

  1. SEZ में टेक्स में राहत देकर विदेशी पूँजीनिवेश को आकर्षित किया जाता है ।
  2. भारत में SEZ की स्थापना चीन के विशिष्ट आर्थिक विस्तार के मोडल से विकसित किया गया है ।
  3. SEZ प्रत्यक्ष विदेशी पूँजीनिवेश (FDI = Foreign Direct Investment) द्वारा निर्यात करनेवाले उत्पादित क्षेत्रों के विकास में उपयोगी है ।
  4. SEZ एक एसा विस्तार है जहाँ आर्थिक कानून देश के कानून से भिन्न होते हैं ।
  5. SEZ की स्थापना चीन, भारत, जोर्डन, पोलेन्ड, फिलिपाईन्स, रशिया और उत्तर कोरिया जैसे देशों ने की है ।
  6. कोई भी निजी व्यक्ति, सरकार, संयुक्त क्षेत्र, राज्य सरकार या उनके प्रतिनिधि संस्था द्वारा विशिष्ट आर्थिक विस्तार (SEZ) का निर्माण किया जाता है ।
  7. विदेशी संस्था द्वारा SEZ का निर्माण भारत में कर सकते हैं ।
  8. इन सभी विशिष्ट आर्थिक विस्तारों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है ।


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