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विस्थापन धारा क्या है? समझाइए एवं इसका महत्व लिखिए।

Answer» विस्थापन धारा-"विस्थापन धारा वह धारा है जो किसी चालक में विघुत क्षेत्र अर्थात् विघुत फ्लक्स में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है।"
मैक्सवेल के अनुसार, विस्थापन धारा `I_(d)` का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है-
जहाँ `phi_(E)` विघुत फ्लक्स है।
जहाँ विघुत फ्लक्स है।
मैक्सवेल के अनुसार चुम्बकीय क्षेत्र के दो खत होते हैं-
(i) संयोजी तार में प्रवाहित आवेश के कारण परिचालन धारा `I_(c)`।
(i) विघुत फ्लक्स में परिवर्तन के कारण परिचालन उत्पन्न विस्थापन धारा `I_(d)`I
अतः ऐम्पियर के परिपथीय नियम का संशोधित रूप
`oint vec Bdvecl = mu_(0)(I_(c)+I_(d))`
`=mu_(0)(I_(c)+epsi (dphi_(E))/(dt))" "`...(1)
महत्व-विस्थापन धारा के तथ्य को उपयोग करके विद्युत व चुंबकत्व के नियमों के बीच सम्पिति प्रदर्शित की जा सकती है। फैराडे के वि।चूं। प्रेरण संबंधी नियमों से स्पष्ट है कि प्रेरित वि।वा।बल का मान फ्लक्स परिवर्तन की दर के अनुक्रमानुपाती होता है। किन्तु दो बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर एक विन्दु से दूसरे बिन्दु तक एकांक आवेश को विस्थापित करने में किये गये कार्य के तुल्य होता है। अत: यह स्पष्ट है कि आवेश को विस्थापित करने के लिये एक विघुत बल या विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति होनी चाहिए। अत: फैराडे के नियमानुसार एक समय परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र, समय परिवर्ती विघुत क्षेत्र उत्पन्न करता है। सममिति से समय परिवर्ती विघुत क्षेत्र, समय परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।


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