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Answer» घर पर वस्त्र धोने से लाभ व्यावसायिक स्तर पर कपड़ों की धुलाई का कार्य धोबियों द्वारा अथवा नगरों में स्थापित लॉण्ड्रियों द्वारा किया जाता है, परन्तु परिवार के सदस्यों के दैनिक इस्तेमाल के वस्त्रों की धुलाई का कार्य घर पर ही किया जाता है। वास्तव में घर पर वस्त्रों की धुलाई करना अधिक सुविधाजनक एवं लाभदायक भी होता है। घर पर वस्त्रों की धुलाई के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं (1) समय की बचत: धोबी अथवी लॉण्ड्री से वस्त्र धुलवाने में कई दिन का समय लगता है, जबकि स्वयं वस्त्र धोने पर उन्हें केवल कुछ घण्टों बाद ही प्रयोग में लाया जा सकता है। इस प्रकार घर पर वस्त्र धोने से समय की पर्याप्त बचत होती है। (2) धन की बचत: घर पर वस्त्र धोने से बहुत कम धन व्यय होता है। धोबी अथवा लॉण्ड्री की धुलाई में प्रति वस्त्र काफी धन व्यय करना पड़ता है, जबकि एक ही अच्छे साबुन अथवा डिटर्जेण्ट पाउडुर के प्रयोग से अनेक वस्त्रों की धुलाई की जा सकती है तथा धन की पर्याप्त बचत भी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त घर पर वस्त्र धोने पर वस्त्रों की कम संख्या में ही कामे चलाया जा सकता है। (3) वस्त्रों की आयु में वृद्धि: वस्त्रों को धोते समय धोबी प्राय: अम्ल एवं कास्टिक सोडा अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं, जिससे तन्तु कमजोर हो जाने के फलस्वरूप वस्त्र शीघ्र फट जाते हैं। घर पर वस्त्रों की धुलाई ठीक प्रकार से होती है। अतः ये अधिक समय तक चलते हैं। (4) रोगों से बचाव: धोबी प्रायः अनेक घरों वस्त्र एकत्रित कर एक साथ उनकी धुलाई करते हैं। इस प्रकार रोगी एवं स्वस्थ मनुष्यों के वस्त्र साथ-साथ धुलते हैं। अधिकांश धोबी नगर के निकट के किसी तालाब या पोखर के पानी से कपड़े धोया करते हैं। यह पानी काफी गन्दा होता है। इससे अनेक संक्रामक रोगों के फैलने की सम्भावना रहती है। घर पर रोगी के वस्त्र अलग से विधिपूर्वक धोए जाते हैं, जिससे रोगों से बचाव की पूर्ण सम्भावना रहती है। (5) अन्य लाभ: घर पर वस्त्रों की धुलाई से होने वाले कुछ अन्य लाभ हैं| ⦁ वर्षा ऋतु में कपड़े धोकर लाने में धोबी अधिक एवं अनिश्चित समय लगाता है, जबकि घर पर आवश्यक वस्त्र धोने से इस कठिनाई से बचा जा सकता है। ⦁ धोबी प्रायः धोए जाने वाले वस्त्रों का स्वयं भी प्रयोग करते हैं। उनकी लापरवाही के कारण कई बार वस्त्र या तो खो जाते हैं अथवा दूसरे व्यक्तियों से बदल जाते हैं। घर पर वस्त्रों को धोने से इस प्रकार की कठिनाइयाँ नहीं होतीं। ⦁ धोबी कई बार सफेद व रंगीन वस्त्रों को एक साथ धो देते हैं, जिससे सफेद वस्त्रों में रंगीन धब्बों के लगने की आशंका रहती है। घर पर वस्त्रों को धोने से इस प्रकार की आशंका से बचा जा सकता है। घर पर वस्त्र धोते समय वस्त्रों में इच्छानुसार केलफ लगाया जा सकता है। वस्त्र धोने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें वस्त्र धोने की तैयारी अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। वस्त्रों की धुलाई से पूर्व कुछ सावधानियों का पालन करने से तथा विधिपूर्वक वस्त्र धोने से न केवल वस्त्र ठीक प्रकार से धुलते हैं, बल्कि कई अन्य लाभ भी होते हैं। वस्त्रों की धुलाई से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए ⦁ धोने से पहले वस्त्रों की जेबों को सावधानीपूर्वक देख लेना चाहिए। इससे कई बार जेबों में रखी मुद्रा अथवा महत्त्वपूर्ण कागज नष्ट होने से बच जाते हैं। ⦁ वस्त्रों में लगे लोहे के बकसुए, बैचेज़, बकल एवं अन्य इस प्रकार के सामान धुलाई से पूर्व अलग कर देने चाहिए। इससे वस्त्र जंग लगने से सुरक्षित रहते हैं। ⦁ फटे वस्त्रों की धुलाई से पूर्व ही मरम्मत कर लेनी चाहिए। यदि वस्त्रों के बटन आदि टूट गये हों तो उनमें भी प्रारम्भ में ही टाँके लगा देने चाहिए। ⦁ वस्त्रों में यदि दाग अथवा धब्बे लगे हों, तो उन्हें धुलाई से पूर्व ही साफ करना चाहिए। ⦁ रोगी के वस्त्रों को अलग करके व उन्हें उबलते पानी में कुछ समय तक डालकर उनका नि:संक्रमण करना चाहिए। इससे अन्य व्यक्तियों में रोग फैलने की आशंका समाप्त हो जाती है। ⦁ रेशमी, ऊनी व सूती वस्त्रों को अलग-अलग कर लेना चाहिए। ⦁ रेशमी वस्त्रों को धोते समय कास्टिक सोडे का न्यूनतम प्रयोग करना चाहिए। ⦁ रेशमी व ऊनी कपड़ों को अधिक गर्म पानी में नहीं धोना चाहिए और इन्हें अधिक कसकर नहीं निचोड़ना चाहिए। ⦁ सूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद सूती वस्त्रों को धोते समय रानीपाल व नील का भी प्रयोग करते हैं। सूती वस्त्रों में इच्छानुसार कलफ भी लगाया जा सकता है। ⦁ सफेद व रंगीन कपड़ों को अलग-अलग धोना चाहिए। पहले सफेद कपड़ों को तथा बाद में रंगीन कपड़ों को धोना चाहिए। इससे सफेद कपड़ों पर रंगों के धब्बे पड़ने की आशंका नहीं रहती है।
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