| व्यापारतुला | लेन-देन की तुला |
| (1) व्यापारतुला में मात्र दृश्य आयात और द्रश्य निर्यात को ही दर्शाया जाता है । | (1) लेन-देन की तुला में दृश्य वस्तुओं के साथ-साथ अदृश्य वस्तुओं के आयात-निर्यात और पूँजी के लेन-देन का भी समावेश होता है । |
| (2) व्यापारतुला में लेन-देन की तुला में सम्मलित सभी बातों का समावेश नहीं होता है । | (2) लेन-देन की तुला में व्यापारतुला का समावेश हो जाता है, व्यापारतुला लेन-देन की तुला का एक हिस्सा (भाग) है । |
| (3) व्यापारतुला से किसी भी देश के विदेश व्यापार की परिस्थिति की सम्पूर्ण जानकारी नहीं प्राप्त होती । | (3) लेन-देन की तुला पर से देश के विदेश व्यापार की स्थिति का सही चित्र प्रकट हो सकता है । |
| (4) व्यापारतुला में कोई अतिरिक्त खाता नहीं होता क्योंकि इसमें केवल दृश्य वस्तुओं के आयात-निर्यात का समावेश होता है । | (4) लेन-देन की तुला में चालू खाता और पूँजी खाता होता है । क्योंकि लेन-देन की तुला देश की पूँजी और सम्पत्ति का तलपट नहीं है । यह देश का अन्य देशों के साथ सभी आर्थिक व्यवहारों का लेखा-जोखा होता है । |
| (5) व्यापारतुला में कुल आय और कुल खर्च के बीच का अन्तर वास्तव में दर्शाया जाता है । | (5) लेन-देन की तुला को हमेशां संतुलित रखने का प्रयास किया जाता है । |