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Answer» व्यक्तिगत भिन्नताओं की प्रकृति- व्यक्तिगत भिन्नताओं की प्रकृति निम्न प्रकार की होती हैं। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नताएँ सर्वव्यापी होती हैं। विश्व के सभी देशों के लोगों में ये भिन्नताएँ पायी जाती हैं। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता व्यक्ति के प्रत्येक गुण में पायी जाती है। भिन्नता की मात्रा में अन्तर-हो सकता है। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता व्यक्ति के प्रत्येक गुण की सभी किस्मों में पायी जाती है; जैसे—काले रंग की कई किस्में होती हैं और प्रत्येक किस्म में कुछ-न-कुछ भेद दिखायी देता है। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता जन्म के बाद बढ़ती जाती है। जन्म के समय प्रायः सभी प्राणी एक-समान दिखायी देते हैं, परन्तु बाद में उनमें भिन्नता स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता का मूल स्रोत वंशानुक्रम है। विशेषकर व्यक्तियों में पर्यावरण की भिन्नता के बाद में व्यक्तिगत भिन्नता में वृद्धि होती है। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता व्यक्तियों के लक्षणों व संगठन में भी पायी जाती है। इसी कारण व्यक्तित्व में भिन्नता देखने को मिलती है। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता का अनुपात सदैव बदलता रहता है। इसीलिए दो व्यक्तियों के बीच पायी जाने. वाली भिन्नता सदैवं एक-समान नहीं रहती है। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नता से व्यक्ति के व्यवहार में भी परिवर्तन होता रहता है और तदनुरूप उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है।
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