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योजना के प्रकार समझाइए ।

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योजना के प्रकार (Type of Plan) निम्न है :

(1) स्थायी योजना (Standing Plan) : स्थायी योजना बार-बार उपयोग में ली जा सकती है जो कि कार्यों के बारे में दैनिक निर्णय लेने होते हैं ऐसे कार्यों के लिए ऐसी योजना तैयार की जाती है, जहाँ व्यवस्थाकीय प्रवृत्तियों का पुनरावर्तन होता हो वहाँ वो प्रवृत्तियाँ शीघ्रता से हो इस उद्देश्य से प्रमाणित नीति तय की जाती हैं, जिन्हें स्थायी योजना कहा जा सकता है । आयोजन में नीति, विधि और नियम दीर्घ समय के लिए तय किये जाते हैं, जिससे अधिनस्थ कर्मचारी शीघ्र निर्णय ले सकते हैं । जैसे – ग्राहकों को उनके ऑर्डर के अनुरूप माल भेजने के बारे की विधि या साख नीति का निर्माण किया गया हो तो उनका अमल कर्मचारी शीघ्रता से कर सकते हैं । इस हेतु उच्च अधिकारियों को पूछने बार-बार जाना नहीं पड़ता ।

(2) व्यूहात्मक योजना (strategic Plan) : धन्धाकीय इकाइयाँ उनकी विचारधारा के अनुसार ध्येय तय करती है । इस हेतु इकाई अपने जीवनकाल दौरान कौनसी विचारधारा से काम करेंगे यह तय किया जाता है । जिसे इकाई का जीवन-ध्येय कहा जाता है । इकाई के उद्देश्य को सिद्ध करने के लिए विभिन्न दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन व्यूहरचनाओं का निर्माण किया जाता है । धन्धाकीय इकाई धन्धाकीय पर्यावरण, इनकी शक्तियों और कमियों को ध्यान में लेकर योजना का निर्माण किया जाता है । इस योजना के लिए दीर्घ दृष्टि और अनुभव जरूरी है । व्यूहात्मक योजना के असर दीर्घ अवधि पर देखने को मिलते है । इस योजना के लिए सुसंगत निर्णय लेने पड़ते है । यानि कि निर्णयों की व्यापकता इन योजना में महत्त्वपूर्ण है ।

(3) सुनियोजित योजना (Tractical Plan) : धन्धाकीय इकाई के निर्धारित उद्देश्य को सिद्ध करने के लिए मध्य स्तर पर अल्पकालीन
योजनाओं का निर्माण किया जाता है जिन्हें सुनियोजित योजना कहते हैं । इस योजना का समय काल एक वर्ष या इससे कम समय के लिए बनाई जाती है । यह योजना अल्पकालीन उद्देश्यों को स्पष्टीकरण करती रहती है जिससे इकाई की प्रवृत्तियाँ उद्देश्यलक्षी बनती है और सुनियोजित रूप से होती है । कार्य कौन से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के पास से करवाना है यह स्पष्ट होता है । इस योजना को बनाने के लिए विशिष्ट ज्ञान और कौशल्य जरुरी है ।

(4) कार्यकारी योजना (Operational Plan) : कार्यकारी योजना धन्धाकीय इकाई के विभागों, कार्य समूहो और व्यक्तिओं के पास से कार्य सम्बन्धी इच्छित परिणाम प्राप्त करने के लिए निर्मित की जानेवाली योजनाओं को कार्यकारी योजनाएँ कहते हैं । ऐसी योजनायें अधिकांशतः एक-दो वर्ष के अल्प समय के लिए होती है । जैसे निर्धारित किये गये वार्षिक उत्पादन के लक्ष्य के पूर्ण करने के लिए मासिक या त्रिमासिक उत्पादन की योजना बनाई जाती है । व्यूहात्मक योजना के अमलीकरण के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसी योजनाओं को तैयार किया जाता है । ऐसी योजनाएँ दैनिक कार्यों के साथ होने से सम्बन्धित विभाग के कर्मचारियों के साथ चर्चा विचारणा करके तैयार किया जाये तो इस योजना का अमल प्रमाण में अधिक सरल बनता है । कार्यकारी योजना सुनियोजित योजना जैसी ही होती है ।

(5) एक उपयोगी योजना (Single use Plan) : विशिष्ट उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए एक उपयोगी योजना तैयार होती है । विशिष्ट प्रवृत्तियों के लिए ही इस योजना को तैयार की जाती है । अर्थात् कि जिन कार्य प्रवृत्तियों का पुनरावर्तन नहीं होता ऐसी प्रवृत्तियों के लिए एक उपयोगी योजना तैयार होती है । जैसे जहाज निर्माण, भवन निर्माण, पैकेजिंग, प्रिन्टिंग आदि योजनाएँ महत्वपूर्ण होती है ।

(6) आकस्मिक योजना (Contigency Plan) : धन्धाकीय इकाई में बदलती हुई परिस्थिति के साथ बने रहने के लिए बहुत ही आवश्यक है । कई निश्चित परिबल जैसे कि राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक या प्राकृतिक परिबलों के कारण धन्धाकीय पर्यावरण में भी परिवर्तन होते है । जिसके कारण पहले की योजना में परिवर्तन होते है । जिसके कारण पहले की योजना में परिवर्तन करना पड़ता है, अथवा कई योजना बनाई जाये तो उन्हे आकस्मिक योजना कहा जाता है ।



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