1.

1 किग्रा द्रव्यमान के कण को 1 मीटर लम्बी भारहीन डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्त में `(2/pi)` चक्कर प्रति सेकण्ड की दर से घुमाया जाता हैं । कण का भार नगण्य न मानते हुए ज्ञात कीजिए - (a) डोरी में तनाव (b ) ऊर्ध्वाधर से डोरी का कोण (c) कण का रेखीय वेग (d) कण का आवर्तकाल `(g = 10 "मीटर / सेकण्ड"^(2))`

Answer» कण का द्रव्यमान नगण्य नही हैं । अतः डोरी क्षैतिज नहीं रहेगी तथा कण शंकु लोलक निर्मित करेगा ।
चित्र 8.3 के अनुसार , m = 1किग्रा, l = 1मीटर
कण की आवृत्ति `f = (2)/(pi)` चक्कर /सेकण्ड
अतः कोणीय आवृत्ति `omega = 2pif = 4` रेडियन / सेकण्ड
कण के ऊर्ध्वाधर संतुलन के लिये ,
`Tcostheta = mg` ...(1)
वृत्तीय गति के लिये , ....(2)
(a) डोरी में तनाव -
समीकरण (2) से , `T = mromega^(2)/(sintheta)`
`= mlomega^(2) [because sintheta = (r)/(l)]`
` = lxx1xx(4)^(2) = 16`
(b) ऊर्ध्वाधर से डोरी का कोण -
समीकरण (1) से
`costheta = (mg)/(T) = (1xx10)/(16) = (5)/(8) therefore theta = cos^(-1)((5)/(8))`
(c) कण का रेखीय वेग `v = romega`
चित्र से , `r = sintheta = lsqrt(1-cos^(2)theta) = 1sqrtroot(1 - (5)/(8)^(2))`
`= sqrt(39)/(8)` मीटर
`v = sqrt(39)/(8) xx 4 = sqrt(39)/(2) = 3.12` मीटर/सेकण्ड
(d) आवर्तकाल `t = (1)/(f) = (pi)/(2) = 1.57` सेकण्ड


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