1.

1.सत्यवती कौन थी2.केवट रानी राजा शांतनु के आगे क्या शर्त रखी है 3.देवव्रत ने अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए क्या किया 4.देवव्रत का नाम विभीषण क्यों पड़ा 5.राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को क्या वचन दिया था 6.प्रथा कौन थी 7.प्रथा का नाम कुंती कैसे हुआ 8.कुंती ने किस ऋषि की सेवा की थी 9.ऋषि दुर्वासा ने कुंती को क्या वरदान दिया 10.कर्ण कौन था उसका पालन पोषण किसने किया 11.कुंती का विवाह किससे हुआ 12.महाराज पांडु को श्राप क्यों मिला 13.पांडवों का जन्म कैसे हुआ 14.महाराज पांडु की मृत्यु कैसे हुई ​

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  • सत्यवती महाभारत की एक महत्वपूर्ण पात्र है। उसका विवाह हस्तिनापुरनरेश शान्तनु से हुआ। उसका मूल नाम 'मत्स्यगंधा' था। वह ब्रह्मा के शाप से मत्स्यभाव को प्राप्त हुई "अद्रिका" नाम की अप्सरा के गर्भ से उपरिचर वसु द्वारा उत्पन्न एक कन्या थी। इसका ही नाम बाद में सत्यवती हुआ।
  • किन्तु केवट राज की शर्त है कि उनकी पुत्री की सन्तान ही राज्य की उत्तराधिकारी बने, जो राजा को स्वीकार्य नहीं।'' देवव्रत पिता जी को उदास नहीं देखना चाहते थे। वे सीधे केवटराज के यहां पहुंचे और बोले, ''मैं राजा शांतनु का पुत्र हूं। मैं राज्य के उत्तराधिकार से स्वयं को वंचित करता हूं।
  • देवव्रत का नाम भीष्म कैसे पड़ा था?
  • देवव्रत के पिता राजा शान्तनु धीवर की रूपवती पुत्री सत्यवती से विवाह करना चाहते थे परन्तु उसने एक शर्त रखी कि उसकी पुत्री से उत्पन्न पुत्र ही राज्य का उत्तराधिकारी हो । शान्तनु इसके लिए तैयार न हुए और उदास होकर महल को लौट आए । देवव्रत को जब यह बात मालूम पड़ी तो वह स्वयं धीवर के पास गए और अपने पिता के विवाह की बात की और कहा कि मुझे राज्य की इच्छा नहीं है और आपकी पुत्री का पुत्र ही राज्य का उत्तराधिकारी होगा। यह सुनकर धीवर ने कहा कि राजकुमार मुझे यह चिंता है कि भविष्य में कहीं आपके मेरी पुत्री के पुत्र से राज्य छीन न लें तब देवव्रत ने उसी समय आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन एवं विवाह न करने की प्रतिज्ञा कर ली । शान्तनु का सत्यवती के साथ विवाह हो गया । देवव्रत की पितृ भक्ति से प्रसन्न होकर शान्तनु ने उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान दिया । अपनी भीषण प्रतिज्ञा के कारण ही देवव्रत भीष्म कहलाए ।
  • राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया था कि उनकी जो पहली संतान होगी, उसे कुंतीभोज को गोद दे देंगें। प्रश्न-5 कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम क्या पड़ गया? उत्तर - कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम कुंती पड़ गया।
  • पृथा था राजकुमारी कुंती का नाम
  • यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन श्रीकृष्ण के पितामह थे, जिनकी पृथा नामक एक पुत्री थी. शूरसेन के फुफेरे भाई कुंतीभोज की कोई सन्तान नहीं थी, इसलिए शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया कि उनकी पहली संतान को उन्हें गोद दे देंगे. फलस्वरूप पृथा शूरसेन की पहली पुत्री थी जिसे कुंतीभोज ने गोद लिया था.
  • शूरसेन के फुफेरे भाई कुंतीभोज की कोई सन्तान नहीं थी, इसलिए शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया कि उनकी पहली संतान को उन्हें गोद दे देंगे. फलस्वरूप पृथा शूरसेन की पहली पुत्री थी जिसे कुंतीभोज ने गोद लिया था. जिसके बाद पृथा का नाम कुंती पड़ गया.

Baki KE khuud NIKAL LANA



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