| 1. |
100 pointsQ.1 एि अल्पाहार ( SNACKS ) िो बनाने िी विवि विवखए ।Q.2 छट्टियों में देखे किसी एि ििवित्र ( CINEMA ) िी समीक्षा (REVIEW)िरिमसेिम 80से100शब्दोंमेंविवखए।Q.3 (अ) छट्टियों में पढी एि िहानी िा सार विवखए ।(आ) उस िहानी िी समीक्षा िम से िम 80से 100 शब्दों में विवखए ।Q.4 किसी स्थि िे दशनण िा िर्नणयात्रा-स्थि , यात्रा िा उद्दश्े य , तयै ारी , स्थि िा महत्ि , आपने कया महससू कियाआकद िा िर्नण िीवजए ।Q.5 अपने घर िे आस-पास िे िातािरर् िा अििोिन िीवजए।(अ) किसी समस्या िे अििोिन पर उसिे िारर् जानिर विवखए । (आ) उससे होनिे ािे प्रभाि पर और उस समस्या िे समािानपरअपनेवििारिमसेिम 100से150शब्दोंमेंविवखए।Q.6. एि खिे ,जो आपिो बहुत पसदं है उस पर िम से िम 100 से 150शब्दों में विवखए । |
|
Answer» अल्पाहार बनाने की विधि (पोहा ) सामग्री 1 कप पोहा ½ कप मूंगफली के दाने ½ कप भुने चने 1 बड़ा चम्मच तेल 8-10 करी पत्ते 1 छोटा चम्मच राई 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च ¼ छोटा चम्मच हल्दी 2 समूची लाल मिर्च 1 चम्मच चीनी पिसी हुई 2 चुटकी हींग स्वादानुसार नमक विधि एक कढाई में पोहा डाल के धीमी आंच पर करारा होने तक भूने, फिर निकाल ले |उसी कढाई में तेल डाल के गर्म करें मूंगफली के दाने डाल के करारे होने तक भूने | फिर निकाल ले | उसी तेल में राई, करी पत्ता डाल दे, समूची लाल मिर्च, और हींग डाल के भूने, फिर भुने चने डाल के कुछ देर भून ले| हल्दी, मूंगफली और भुना हुआ पोहा डाल के अच्छे से मिला दे, नमक, लाल मिर्च पाउडर, चीनी डाल के अच्छे से मिला दे| गैस बंद करके ठंडा होने दे. फिर एयरटाइट डिब्बे में भर के रख दे |चाय के साथ खाए और खिलाये. छुट्टियों में देखी फ़िल्म मैंने इन छुट्टियों में मैं सुई-धागा फ़िल्म देखी| यह फ़िल्म अनुष्का और वरुण धवन की है | मुझे यह फ़िल्म बहुत अच्छी लगी | यह है सकारात्मक सोच रखने वाली फ़िल्म है | इस फ़िल्म से आगे बढ़ने और हिम्मत की प्रेरणा मिलती है | इस फ़िल्म में दिखाया है की मेहनत करके हम जीवन में सब कुछ हासिल कर सकते है | हमें अपने काम पर और खुद पर भरोसा होना चाहिए | मेरे हिसाब से सब को यह फ़िल्म देखनी चाहिए और अपना खुद काम करने की सोच रखनी चाहिए | हीरा और मोती दो बैलों की कहानी मुंशी प्रेम चंद की कहानी है | प्रस्तुत कहानी में लेखक ने मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। झूरी नामक किसान के पास हीरा और मोती नाम के दो बैल हैं जिससे वह बहुत प्यार करता है इस प्यार को पाकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं नहीं रहना चाहते हैं। इससे यह सीख मिलती है कि पशु भी स्नेह का भूखा होता है। किसी पर्वतीय स्थल की यात्रा का वर्णन हाल ही में मैं अपने चार दोस्तों के साथ रोहतांग दर्रा की पैदल यात्रा पर गए | अगस्त का महीना था और रास्ते में ही बारिश शुरू हो गई | हम सब बुरी तरह भीग गए | किसी तरह से एक छोटी सी गुफा तक पहुंचे | कठिनाई से किसी तरह रात गुजारी | दो दोस्तों ने वहीं हिम्मत हार दी व वापसी का सामान बांध लिया| बचे हुए हम तीनों में भी एक का मन असमंजस में था | सब में एक बहस छिड़ गई कि आगे जायें या ना जायें | मैंने सब को बहुत समझाया पर कोई निर्णय नहीं निकला अतः: मैंने एक रुपये का सिक्का निकला और टॉस के लिए पूछा | हेड तो जाना है टेल तो नहीं जाना | सब मान गए और सिक्का हवा में उछाला | हेड आया और सब चलने को तैयार हो गए | लम्बी सांस ली और बिना पीछे देखे चल पड़े सब ने एक दूसरे का साहस बंधाया | रोहतांग की चोटी बिल्कुल पास से देखते ही सांस में सांस आ गई | बर्फ़ से भरा सारा रास्ता और ऊँची - ऊँची भर्फ़ ढकी पहाड़ीयों को देख जनत देख लिया हो | सब ने मिलकर बहुत मजे किए | रात खुले आसमान में गुजारी और अगले दिन घर वापिस आ गए |
|
|