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106/मरमेरे दीप-फूललेकर वेअंबा को अर्पित करकेदिया पुजारी ने प्रसाद जबआगे को अंजलि भरके ,भूल गया उसका लेना झट,परम लाभ-सासोचा,-बेटी को माँ के येपुण्य-पुष्प दूँ जाकर मैं।पाकर मैं।सिंह पौर तक भीनहीं पहँचने मैं meaning |
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Answer» Answer: Explanation: what you SAYING me I don't understanding |
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