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Answer» 18वीं सदी के फ्रांस में महिलाओं की स्थिति निम्न प्रकार थी- ⦁ अधिकांश महिलाओं के पास पढ़ाई-लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के मौके नहीं थे। केवल कुलीनों की लड़कियाँ अथवा तीसरे एस्टेट के धनी परिवारों की लड़कियाँ ही कॉन्वेंट में पढ़ पाती थीं, इसके बाद उनकी शादी कर दी जाती थी। ⦁ कामकाजी महिलाओं को अपने परिवार का पालन-पोषण भी करना पड़ता था-जैसे खाना पकाना, पानी लाना, लाइन लगाकर पावरोटी लाना और बच्चों की देख-रेख करना आदि। उनकी मजदूरी पुरुषों की तुलना में कम थी। ⦁ महिलाएँ शुरू से ही फ्रांसीसी समाज में इतने अहम् परिवर्तन लाने वाली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थीं। उन्हें उम्मीद थी कि उनकी भागीदारी क्रांतिकारी सरकार को उनका जीवन सुधारने हेतु ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगी। ⦁ तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाएँ जीविका निर्वाह के लिए काम करती थीं। वे सिलाई-बुनाई, कपड़ों की धुलाई करती थीं, बाजारों में फल-फूल-सब्जियाँ, बेचती थीं अथवा संपन्न घरों में घरेलू काम करती थीं। बहुत सारी महिलाएँ , वेश्यावृत्ति करती थीं।
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