InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
2. निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर पूर्छ गएविचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,मरो ,परंतु या मरो कि याद जौ करें सभी।हई न यो समत्य तो वः था मरे,वथा जिएमेरा नहीं वहीं को जो जिया न आपके लिए।वही पशु- प्रवृत्ति है कि आप आप ही करें,वही मनष्य हैं कि जो मनुष्य के लिए मरे।1. मत्य का क्या अर्थ है?2. काव्यांश के अनुसार, मनुष्य किसे कहा जा सकता है?3. कवि के अनुसार मृत्यु से क्यों नहीं डरना चाहिए?4. पश प्रवत्ति क्या हैं? |
| Answer» | |