Saved Bookmarks
| 1. |
(2) यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे।कतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते॥ hindi anuwaad |
|
Answer» आर्थात, जिस मनुष्य के भविष्य मे करने योग्य कर्म से, विचारों से , निश्चित किये गए तत्वो से, शत्रु लोग अनभिज्ञ रहते हैं, वे केवल किये गए कर्मों से ही भिग्य हैं ऐसा व्यक्ति ही पंडित कहा जाता है। |
|