InterviewSolution
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`2eV ` कार्य-फलन के धातु पर `6000Å ` तरंगदैध्र्य का प्रकाश आपतित कराया जाता है|धातु से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होगा या नहीं ? यदि हाँ तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की महत्तम ऊर्जा क्या होगी? |
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Answer» आइंस्टाइन के प्रकाश-विद्युत समीकरण से `(1)/(2) m_e v_(mas)^(2)= hv -phi _0` आपतित प्रकाश -किरणपुंज,फोटॉन की ऊर्जा =`hv =(hc)/(lambda ) ,` जहाँ h प्लांक नियतांक c प्रकाश-किरणपुंज की चाल तथा `lambda ` प्रकाश-किरणपुंज का तरंगदैध्र्य है| चूँकि ` h= 6.6xx10^(-34 )Js ,c =3xx 10^(8) ms^(-1)` तथा ` lambda =6000Å= 6000xx10^(-10) m= 6xx10^(-7) m` ` therefore " "hv =(hc ) /(lambda )= (6.6xx10^(-34) Js xx3xx10^(8) m//s)/(6xx110^(-7) m)=(19.8xx10^(-26))/(6xx10^(-7))J` ` " "= (19.8 xx10^(19))/(6xx 6xx10^(-19))eV =2.063eV " "[ because 1.6xx 10^(-19) J=1 eV ]` चूँकि आपतित प्रकाश की ऊर्जा `(2.063eV) ` धातु के कार्य-फलन `(phi _0 =2eV )` से अधिक है, अतः इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होगा| इसी महत्तम गतिज ऊर्जा `hv -phi _0 =(2.063 -2) eV =0.063eV ` होगा| |
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