1.

+3.2 x 10-19 कूलॉम तथा -3.2 x 10-19 कूलॉम के दो बिन्दु आवेश एक-दूसरे से 2.4 x 10-10 मीटर की दूरी पर रखे हैं। यह द्विध्रुव 4 x 105 वोल्ट/मीटर तीव्रता के समांगी वैद्युत-क्षेत्र में स्थित है। ज्ञात कीजिए। (i) वैद्युत-द्विध्रुव आघूर्ण, (ii) द्विध्रुव को साम्यावस्था से 180° घुमाने में आवश्यक कार्य तथा (iii) साम्यावस्था में वैद्युत-द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा। 

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(i) p. = q x 2l = 3.2 x 10-19 कूलॉम x 2.4 x 10-10 मीटर = 7.68 x 10-29 कूलॉम-मीटर 

(ii) वैद्युत-द्विध्रुव को साम्यावस्था अर्थात् वैद्युत-क्षेत्र E की दिशा से θ कोण घुमाने में आवश्यक कार्य W = pE (1 – cos θ) यहाँ θ = 180° एवं p = 7.68 x 10-29 कूलॉम-मीटर 

E = 4.0 x 105 वोल्ट/मीटर। 

W = (7.68 x 10-29) x (4.0 x 105) x (1 – cos 180°) 

= (7.68 x 10-29) x (4.0 x 105) x 2 (∵ cos 180° = – 1) 

= 6.144 x 10-28 जूल 

(iii) वैद्युत-क्षेत्र E में द्विध्रुव को साम्यावस्था से से कोण पर रखे होने पर इसकी स्थितिज ऊर्जा U = – pE cos θ 

जहाँ θ = द्विध्रुव की अक्ष तथा इसकी साम्यावस्था अर्थात् वैद्युत-क्षेत्र की दिशा के बीच स्थित कोण साम्यावस्था में θ = 0°, 

अत: U0 = – pE (cos 0° = 1) 

यहाँ p = 7.68 x 10-29 कूलॉम-मीटर 

E = 4.0 x 105 वोल्ट/मीटर 

U0 = – (7.68 x 10-29) x (4.0 x 105) जूल = -3.072 x 10-23 जूल



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