1.

30 सेमी वक्रता-त्रिज्या के उत्तल दर्पण के सामने 5 सेमी ऊंचाई की वास्तु दर्पण से 10 सेमी की दुरी पर राखी हैं, प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार तथा प्रकृति बताइये।

Answer» दर्पण की वक्रता-त्रिज्या, r =30 सेमी
दर्पण की फोकस-दुरी, `f=(वक्रता- त्रिज्या)/2 =30/2=15` सेमी
उत्तल दर्पण की फिक्स- दुरी घनात्मक होती हैं।
`therefore f=+15` सेमी, प्रतिबिम्ब की दुरी `v=?`
सूत्र `1/f=1/v+1/u` से,
`1/15=1/v+1/-10` अथवा `1/v=1/15+1/10`
अथवा `1/v=(2+3)/30` अथवा `v=30/5=6` सेमी। अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे 6 सेमी की दुरी पर बनेगा।
प्रतिबिम्ब का आकार: आवर्धन `m=y_(2)/y_(1)=-v/u`
यहाँ`u=-10` सेमी, `v=+6` सेमी, `y_(1)=5` सेमी
`therefore` प्रतिबिम्ब का आकार,
`y_(2)=-v/u xx y_(1) =-6/(-10) xx 5` सेमी `=+3` सेमी।
अर्थात प्रतिबिम्ब का आकर 3 सेमि हैं तथा प्रतिबिम्ब सीधा हैं।
प्रकृति: उत्तल दर्पण सदैव आभासी तथा सीधा प्रतिबिम्ब बनाता हैं, अतः प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा हैं।


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