1.

400 ग द्रव्यमान की एक वस्तु एक टेबुल पर चल रही है| टेबुल वस्तु पर `3.0N` का घर्षण बल लगाती है|(a ) टेबुल द्वारा वस्तु पर लगाय गए कुल बल ऊर्ध्वाधर से कोण निकालें|(b ) इस कुल बल का परिमाण निकालें | ` g =10m//s^(2)` माने|

Answer» मान लें की टेबुल द्वारा वस्तु पर लगता कुल बल F है, जो ऊर्ध्वाधर से ` theta ` कोण बनाता है|
इस बल F का ऊर्ध्वाधर दिशा में घटक ` N=Fcos theta `
तथा बल F का क्षैतिज घटक ` f=F sin theta `
चूँकि यह वस्तु संतुलन में है, इसलिए
` N= mg =( 0.400kg )( 10.0m//s^(2) )=4.0N`
अतः ` Fcos theta =4.0N" "...(i)`
घर्षण बल ` f= 3.0N.`
अतः `Fsin theta =3.0N" "...(ii)`
(a ) समीकरण (i )तथा (ii ) से
` " " tan theta =(3)/(4) ` या ` theta =37^(@)`
(b ) समीकरण (i ) तथा (ii ) से,
` " "F^(2) =( 4.0N)^(2)+ (3.0N)^(2)`
या ` " " F= 5.0N`
दो वस्तुओं के बीच, लगते घर्षण बलों के परिमाण तथा दिशाएँ अनेक बातों पर निर्भर करती है जैसे सतहों की प्रकृति अर्थात उनका रूखापन या चिकनापन, वस्तु पर लगते अन्य बल तथा वस्तुओं की सतहें एक-दूसरे को रगड़ती हुई है चल रही है या एक-दूसरे के सापेक्ष स्थिर है| जब दोनों सतहें एक-दूसरे पर फिसलती है,तो उनके बीच लगते घर्षण को गतिज घर्षण कहते है| यदि दो वस्तुओं की सतहें एक-दूसरे के सापेक्ष नहीं फिसल रही हों| तब जो घर्षण बल लगता है वह स्थितिज घर्षण कहलाता है| गतिज एवं स्थितिज घर्षण की दिशा एवं परिमाण ज्ञात करने की विधियाँ भी अलग-अलग है|


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