InterviewSolution
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7मन के हारे हार है, मन के जीते जीतहै। कोई व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से चाहे कितना ही बलशालीकभी सफलता नहीं प्राप्त कर सकता। मनुष्य को कभी नजाएँ। मनुष्य के समस्त कर्म आत्मबल पर निर्भर केहै तो लाखों प्रेरणाएँ, सांत्वनाएँ भी उसके अंदर सारसे-कनिन कार्य भी06 |
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Answer» इसका मतलब क्या होता है |
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