1.

(a) एक न्यूट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 150 eV है का दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य प्रप्थ कीजिये जिसकी आपने प्रश्न 31 में देखा है इतनी ऊर्जा का इलेक्ट्रान किरण पुंज क्रिस्टल विवर्तन प्रयोग की लिए उपयोग है क्या सामान ऊर्जा का एक न्यूट्रॉन किरण पुंज इस प्रयोग के लिए सामान रूप से उपयुक्त होगा स्पष्ट कीजिये `(m_(n)=1.675xx10^(-27))` (b) कमरे की सामान्य ताप `27^(@)C` पर उष्मीय न्यूट्रॉन से जुड़े दे ब्रोग्ली तरंगदारिद्य ज्ञात कीजिये एक प्रकार इस्पष्ट कीजिये की क्यों एक तीव्रगामी न्यूट्रॉन को न्यूट्रॉन विवर्तन प्रयोग में उपयोग में लेन से पहले वातावरण की साथ तापीकृत किया जाता है

Answer» (a) दिया है न्यूट्रॉन की गतिज ऊर्जा (KE)=150 eV
न्यूट्रॉन का द्रिव्यमान `(m_(n))=1.675xx10^(-27)` किग्र
हम जानते है की `KE=1/2 mv^(2)`
अथवा `mv=sqrt(2x.KE)`
`=(h)/sqrt(2x_(n).KE)=(6.63xx10^(34))/sqrt(2xx1.675xx10^(-27xx150xx1.6xx10^(-19))`
`=2.33xx10^(12)`
(b) तापमान (T)=27+273=300 K
बोल्ट्जमैन नियतांक `(k)=1.38xx10^(23)` जुल / मोल / केल्विन
न्यूट्रॉन की ऊर्जा `(E)=3/2 KT`
ऊर्जा के सांगत तरंगदैर्ध्य
`lambda=(h)sqrt(2xE)=(h)/sqrt(2xxx3/2KT)=(h)/sqrt(3mKT)`
`=1.45xx10^(-10)`
यह तरंगदैर्ध्य आंत्रप्रमादुक अंतराल की क्रम का है अतः न्यूट्रॉन भीम पहले तापीकृत(Theremolize) की जाती है तत्पश्चात विवटरान हेतु प्रयुक्त की जाती है


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