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Answer» प्रकृति का अछूता सौंदर्य और जनजातीय संस्कृति व सभ्यता की धरोहरें अगर आप मूल रूप में देखना चाहते हैं तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की सैर पर निकलें। असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल, त्रिपुरा और सिक्किम कुल आठ राज्यों वाला यह क्षेत्र तरह-तरह के जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों के अलावा लोक संस्कृति तथा कलाओं से भरपूर है। सौ से अधिक जनजातियां व उपजातियां इस क्षेत्र में हैं।
पहले यहां पहुंचने के साधन नगण्य थे, पर अब हर प्रांत हवाई, सड़क और रेल मार्ग से जुड़ चुका है। इन सभी राज्यों में ट्रेवल एजेंटों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हर राज्य ने इन्हें मान्यता दे रखी है। ये एजेंट निर्धारित दरों पर पर्यटकों के लिए रहने, खाने-पीने, वाहनों तथा परमिट का प्रबंध करते हैं और उन्हें जनजातियों के बीच भी ले जाते हैं।
प्राकृतिक संपदा से भरपूर असम में बांस के जंगल व चाय बागान खूब हैं। मां कामाख्या शक्तिपीठ गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर है। ब्रह्मपुत्र नदी के बीच मयूरद्वीप में प्राचीन शिवमंदिर है। नवग्रह मंदिर, श्रीमंत शंकरदेव कला क्षेत्र, बालाजी मंदिर, साइंस म्यूजियम, वशिष्ठ आश्रम, सराईघाट पुल, मदन कामदेव आदि कई दर्शनीय स्थान हैं। संसार का सबसे बड़ा नदीद्वीप माजुली ब्रह्मपुत्र में ही है।
असम का सुंदर पहाड़ी स्थान हाफलांग है। काजीरंगा नेशनल पार्क में पाया जाने वाला एक सींग का गैंडा असम की धरोहर है। मानस टाइगर रिजर्व व मनेरी टाइगर रिजर्व अन्य अभ्यारण्य हैं। पक्षियों की कई प्रजातियां तथा दुर्लभ हॉलॉक गिब्बन नामक लंगूर यहां देखे जा सकते हैं। असम के नृत्य में बिहू प्रमुख है।
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