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आलस्य मनुष्य का शत्रु हैं विषय पर अपने विचार लिखिए |
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Answer» आलस्य मन का परम शत्रु है। शरीर को सजीव होते हुए भी निर्जीव समान बना देता है। जब स्फूर्ति, परिश्रम एवं उत्साह को अपनाया ही न जाए तो कर्मशील काया स्वयं शिथिल होने लगती है, और फिर आलस्य के कारण ऐसे व्यक्ति ने अपनी कमी खोज पाते हैं और न उसमें सुधार करने का कुछ प्रयत्न करते हैं। |
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