1.

आप निम्नलिखित को किस प्रकार से स्पष्ट करेंगे- `d^(4)` स्पीशीज में से `Cr^(2+)` प्रबल अपचायक है जबकि मेंगनीज । (III) प्रबल ऑक्सीकारक है । (ii) जलीय विलयन में कोबाल्ट (II) स्थाई है परन्तु संकुलनकारी अभिकर्मकों की उपस्थिति में यह सरलतापूर्वक ऑक्सिजनित हो जाता है । (iii) आयनों का `d^(1)` विन्यास अत्यंत अस्थायी है ।

Answer» Correct Answer - (i) `Cr^(2+)` एक अपचायक है जिसमे `d^(4)` से `d^(3)` परिवर्तन हो जाता है । `d^(3)` का विन्यास `(t_(2g)^(3))` अधिक स्थायी है । Mn(III) से Mn(II) में परिवर्तन `3d^(4)` से `3d^(5) ; 3d^(5)` एक स्थायी विन्यास है ।
(ii) CFSE के कारण जो तृतीय आयनीकरण ऊर्जा से अधिक की पूर्ति करती है ।
(iii) जलयोजन अथवा जालक ऊर्जा d इलेक्ट्रॉन को निकलने के लिए आवश्यक आयनन एन्थैल्पी की क्षति पूर्ती करती है ।


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