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AAPASNELEONESSC025HARDARRwhat is the summary of the poem nitivachan????????तुलसी मीठे वचन से, सुख उपजत चहुँ ओर ।वसीकरण एक मंत्र है, तजि दे वचन कठोर ।।काAHEEM तोर देना वादाशतरर कमें कर लेततुलसी इह संसार में, भाँति-भाँति के लोग ।देशों के साथ मेले मारबरातीसबसों हिल-मिल चालिए, नदी-नाव संजोग ||- बरपा से उम्सा मनसः जमीनका बरषा जब कृषि सुखाने जाना ।समय चूकि पुनि का पछिताने ।।नमय होटी यो नाम कर लताजहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना ।जहाँ कुमति तहँ विपत्ति निदाना ।।अापमा परि गावकायर मन कहुँ एक अधारा ।देव-दैव आलसी पुकारा ।। भावनगालोमा हावाकोपरहित सरिस धरम, नहिं भाई ।पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।चरन चोंच लोचन रंग्यो, चलै मराली चाल ।सीर-नीर बिबरन समय, वक उघरत तेहि काल ।।- गोस्वामी तुलसीदासअधारा ।नBEIRVISUALAGRILPatilEPASTSPAGETUEIN |
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