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आपको संसद में महिलाओं की कम संख्या का क्या कारण समझ में आता है answer it in 3 to 4 lines wrong answer will be reported ​

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Explanation:16वीं लोकसभा का अंतिम सत्र अभी हाल ही समाप्त हुआ है। संभावना है कि 17वीं लोकसभा के लिये चुनावों का एलान मार्च की शुरुआत में हो जाएगा और अप्रैल-मई महीनों में चुनाव संपन्न हो जाएंगे। चुनावी चर्चाओं में वोट शेयर, सेटों, गठबंधनों का बाज़ार तो गर्म है ही, साथ ही प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसके कयास भी लगाए जाने लगे हैं। लेकिन संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को लेकर कोई चर्चा नहीं है और न ही इस मुद्दे पर किसी राजनीतिक दल की कोई रुचि दिखाई देती है। जहाँ तक संसद के निचले सदन (LOWER House-भारत में लोकसभा) की बात है तो महिला सांसदों के प्रतिशत के मामले में भारत विश्व में 193 देशों में 153वें स्थान पर है। अफ्रीकी देश रवांडा में हैं सबसे अधिक महिला सांसद आश्चर्यजनक रूप से लंबे समय तक गृहयुद्ध की आँच में झुलसने वाले अल्पविकसित अफ्रीकी देश रवांडा की संसद में महिलाओं की संख्या सबसे ज़्यादा है। Inter-Parliamentary UNION की एक रिपोर्ट के अनुसार, रवांडा के निचले सदन (The CHAMBER of Deputies) में 61% संख्या महिलाओं की है। रवांडा दुनिया का पहला देश है जिसकी संसद में महिलाएँ पुरुषों से अधिक हैं। जनसंहार के बाद निर्मित रवांडा का संविधान संसद में महिलाओं के लिये तीस फीसदी सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करता है। लेकिन उसने पहले से ही अपने संसद में सबसे अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का रिकॉर्ड कायम रखा है।



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