1.

आशय स्पष्ट कीजिए :आँधियों में भी दिया बनकर के मैं जलता रहूँगा ।

Answer»

आंधी में बहुत शक्ति होती है। उसके सामने मिट्टी के मामूली ‘दिये’ की कोई औकात नहीं होती। इसके बावजूद मामूली दीपक तेज आँधी में भी जलते रहने का अपना धर्म निभाता रहता है, भले ही वह बुझ जाए, नष्ट हो जाए। लेखक भी इसी तरह बड़ी-से-बड़ी मुसीबत का सामना करते हुए संघर्ष करते रहना चाहते हैं, भले ही इस प्रयास में उन्हें मिट जाना पड़े।



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